समरकंद: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उज्बेकिस्तान की धरती से यूक्रेन को कड़ी चेतावनी दी है। कहा है कि यूक्रेनी सेना अपनी हरकतों से बाज नहीं आई तो रूस ज्यादा ताकत से जवाब देगा, जिससे युद्ध ज्यादा गंभीर हो जाएगा। उन्होंने यूक्रेनी सेना को रणक्षेत्र में मिली हालिया सफलताओं को हल्के में लेते हुए मुस्कान के साथ यह बात कही। कहा कि पश्चिमी देशों के रूस को कमजोर करके तोड़ने के षडयंत्र को विफल करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, उन्हें यूक्रेन को लेकर कोई जल्दी नहीं है। वहां के लिए उनके लक्ष्यों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। रूस का मुख्य लक्ष्य पूरे डोनबास क्षेत्र को यूक्रेन से आजाद कराना है। इसमें से लुहांस्क प्रांत पूरी तरह से और डोनेस्क का बड़ा हिस्सा यूक्रेन से मुक्त हो चुका है। यह कहकर पुतिन ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म होने वाला नहीं है और अगर वहां रूसी सेना को और पीछे हटना पड़ा तो रूस वहां बड़ी कार्रवाई कर सकता है। पुतिन ने कहा, कीव के अधिकारियों ने जवाबी आक्रामक कार्रवाई की घोषणा की है।

देखते हैं कि यह कहां तक जाती है और इसका अंत कैसा होता है। कहा, हाल ही में रूसी सेना ने कुछ नई कार्रवाई की हैं। अगर यूक्रेनी सेना ने स्थितियों को बिगाड़ा तो हम ज्यादा गंभीरता से जवाब देंगे। विदित हो कि रूसी सेना हाल की अपनी जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन के बांध और बिजली आपूर्ति को निशाना बनाया है।

पुतिन ने गैस आपूर्ति को लेकर यूरोप के सामने नई शर्त रखी है। कहा है कि अगर उसे गैस चाहिए तो वह नार्ड स्ट्रीम टू पाइपलाइन को खोले, उसके जरिये गैस ले। उन्होंने यूरोप में ऊर्जा संकट पैदा करने के लिए रूस के जिम्मेदार होने से इन्कार किया। उन्होंने कहा, यह पाइपलाइन बिल्कुल तैयार है, बटन दबाते ही गैस आपूर्ति शुरू हो जाएगी। लेकिन यूरोपीय यूनियन (ईयू) रूस पर प्रतिबंध के चलते इसे शुरू नहीं करना चाहता। इसलिए उसे गैस आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पुतिन ने कहा, नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से तकनीक कारणों से गैस आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके लिए रूस बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है।