नई दिल्ली। भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक दल ने अक्टूबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। वहीं आज पीएम मोदी ने भी कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिये महाअभियान की शुरुआत की है, जिसमें 1 लाख नये कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का खाका तैयार किया गया है, जिससे तीसरी लहर की तैयारी हो सके।
चिकित्सा विशेषज्ञों के रॉयटर्स पोल के अनुसार- अक्टूबर तक भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि यह भारत में आई दूसरी कोरोना लहर के मुकाबले अधिक नियंत्रित होगा लेकिन इस तीसरी लहर के कारण अब देश में कोरोना संक्रमण एक और साल तक बना रह सकता है।
दुनियाभर के 40 स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और प्रोफेसरों के 3-17 जून के स्नैप सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में टीकाकरण में एक महत्वपूर्ण तेजी आना तीसरी लहर के प्रकोप को थोड़ा कम कर देगा।
भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भविष्यवाणी करने वालों में से 85þ या 21 से अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगली लहर अक्टूबर तक आएगी। तीन लोगों ने अगस्त की शुरुआत में और 12 लोगों ने सितंबर में इसकी भविष्यवाणी की है। बाकी बचे तीन लोगों ने नवंबर से फरवरी के बीच भारत मे कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है।
हालांकि, राहत की बात ये है कि 70þ से अधिक विशेषज्ञों या 34 में से 24 लोगों ने कहा है कि भारत में मौजूदा कोरोना प्रकोप की तुलना में किसी भी नए प्रकोप को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इसे और अधिक नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि मामले बहुत कम होंगे क्योंकि अधिक टीकाकरण शुरू हो गया होगा और दूसरी लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक प्रतिरक्षा भी होगी। यानि कोरोना की तीसरी लहर उतनी तेज रहने की संभावना नहीं है।
बच्चों को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट
यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को संभावित तीसरी लहर में सबसे अधिक जोखिम होगा, लगभग दो-तिहाई विशेषज्ञों या 40 में से 26 विशेषज्ञों ने हां कहा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहंस) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ प्रदीप बनंदूर ने कहा कि टीकाकरण के मामले में वे पूरी तरह से अछूती आबादी हैं क्योंकि वर्तमान में उनके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि स्थिति गंभीर हो सकती है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हर सावधानी के साथ, आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और बढ़ाना होगा,
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में करीब 1 लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है, कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है, ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है, कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा.