नई दिल्ली. लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग II दुनिया का सबसे ताकतवर पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जो अमेरिका के पास है. यह लड़ाकू विमान सिंगल सीट और सिंगल इंजन वाला है. यह सभी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है. एफ-35 में इंट्रीग्रेटेड सेंसर पैकेज और आधुनिक हथियार लगे हैं, जो इसे सबसे खतरनाक बनाते हैं.
लॉकहीड मार्टिन एफ-22 रैप्टर अमेरिकी वायुसेना के पास है, जिसे अमेरिका ने किसी भी दूसरे देश को नहीं बेचा है. इस फाइटर जेट को लॉकहीड मार्टिन और बोइंग ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. सिंगल सीटर, ट्विन-इंजन, ऑल वेदर स्टील्थ एयर सुपिरिओरिटी लड़ाकू विमान के 195 यूनिट्स अमेरिका ने बनाए हैं.
चीन के जे-20 लड़ाकू विमान को चेंगदू एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने बनाया है और चीन का दावा है कि यह विमान स्टील्थ तकनीकी से लैस है, जिस वजह से इसे कोई भी रडार नहीं पकड़ सकता है. J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. J-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच है.
सुखोई एसयू-57 लड़ाकू विमान रूसी एयरफोर्स के पास है और इसे यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी सुखोई ने बनाया है. सुखोई एसयू-57 पांचवीं पीढ़ी का सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन और मल्डी-रोल लड़ाकू विमान है, जिसे पहले पीएके एफए और टी-50 के नाम से जाना जाता था. एसयू-57 का डिजाइन और एवियोनिक्स भी ज्यादा एरोडॉयनामिक्स हैं और लॉकहीड मॉर्टिन के F-35 से सस्ता है.
यूरोफाइटर टाइफून को दुनिया के सबसे ताकवर विमानों में से एक माना जाता है और यह नई जेनरेशन का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. यूरोपीय देशों के बाद मौजूद इस विमान को ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई देशों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. फोरप्लेन/डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट वाले इस फाइटर जेट में आधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर, डिफेंसिव एड्स सब सिस्टम (डीएएसएस) और आधुनिकतम हथियार लगे हैं. यह विमान 27 एमएम की गन, एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड, एंटी शिप और प्रिसिजन गाइडेड मिसाइलों से लैस है.
रूसी वायुसेना में शामिल पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-35 सभी मौसम में उड़ान भर सकता है. इस विमान को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के अलावा जमीन पर सटीक निशाना लगाने वाले बम, रॉकेट और दूसरे हथियारों को तैनात किया जा सकता है. यह विमान अपने 14 हॉर्ड पाइंट में 8 टन वजनी हथियार लेकर उड़ान भर सकता है.
अमेरिकी नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना के पास मौजूद एफ/ए-18ई/एफ सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है, जिसमें जनरल इलेक्ट्रिक का एफ414 इंजन लगा हुआ है. इस फाइटर जेट की टॉप स्पीड 1915 किलोमीटर प्रति घंटा, जबकि रेंज 3,330 किलोमीटर की है.
राफेल फाइटर जेट एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जिसे फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है और इसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के अलावा फ्रांस की सेना भी करती है. राफेल की टॉप स्पीड 1912 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है. राफेल में 30 मिमी का एक ऑटोकैनन भी लगा हुआ है. राफेल की एक और खासियत है कि उससे परमाणु मिसाइल को भी दागा जा सकता है.
बोइंग F-15E स्ट्राइक ईगल फाइटर जेट को बोइंग ने बनाया है और इसे अमेरिकी वायु सेना की रीढ़ माना जाता है. एफ-15ई लड़ाकू विमान 10 टन तक का पेलोड़ लेकर जा सकता है और इसमें ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक मुनिशन, AGM-130 स्टैंडऑफ वेपन सिस्टम, AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं.
भारतीय वायु सेना के पास मौजूद सुखोई-30एमकेआई भी दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में शामिल है. ट्विन सीट, लॉन्ग रेंज और मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट को मूल रूप से रूस की कंपनी सुखोई ने डिजाइन किया है और भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लाइसेंस के तहत सुखोई-30 में जरूरी बदलाव कर उत्पादन करती है. सुखोई-30एमकेआई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है.