नई दिल्ली। लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई महंगाई दर पिछले कुछ समय से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जिसके कारण केंद्रीय बैंक को लगातार ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ रहा है। लेकिन अगले वित्त वर्ष में लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है।

आरबीआइ ने मानेटरी पालिसी रिपोर्ट सितंबर 2022 में कहा है कि अगले वित्त वर्ष में सामान्य मानसून और आपूर्ति श्रृंखलाओं में कोई बाधा न होने की स्थिति को मानते हुए हमारा अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में लोगों को महंगाई से राहत मिल जाएगी। आरबीआइ की ओर से जारी किए गए अनुमान के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर 5.2 प्रतिशत रह सकती है, जो कि चालू वित्त वर्ष के अनुमान 6.7 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत कम है।

आरबीआइ लगातार महंगाई को कम करने की कोशिश कर रहा है, पिछले कुछ महीनों में केंद्रीय बैंक ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए ब्याज दर को भी बढ़ाया है। जनवरी 2022 से महंगाई आरबीआई की ओर से तय की गई सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल में महंगाई दर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। हालांकि इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। अगस्त में महंगाई दर 7 फीसदी थी।

बढ़ती हुई महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ने पिछले पांच महीनों में चार बार ब्याज दरों में इजाफा किया है और रेपो रेट को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। यह रेपो रेट का तीन सालों का सबसे उच्चतम स्तर है।

मौद्रिक नीति का एलान करते समय आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष (2022-23) की तीन तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर तय सीमा से ऊपर रहेगी। चौथी तिमाही (जनवरी -मार्च) में लोगों को इससे राहत मिलेगी। इस दौरान महंगाई दर 5.8 प्रतिशत रह सकती है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में महंगाई घटकर 5 प्रतिशत रह जाएगी।