पटना। बिहार के सरकारी अस्‍पतालों में तैनात डाक्‍टर और अन्‍य मेडिकल स्‍टाफ भले बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने से भाग रहे हैं, लेकिन सरकार उन्‍हें बख्‍शने के मूड में नहीं है। राज्‍य के उप मुख्‍यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने अस्पतालों से गायब रहने वाले डाक्टरों पर नाराजगी जताते हुए ऐसे डाक्टरों से कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा, डाक्टर वर्षों काम पर नहीं आते, न ही किसी का इलाज करते हैं लेकिन सरकारी खजाने से वेतन जरूर उठाते हैं। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को एक बार फिर स्वास्थ्य के आलाधिकारियों के साथ विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इसी दौरान उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मिशन 60 दिन की समीक्षा की और कई जरूरी निर्देश दिए।

बिहार के सरकारी अस्‍पतालों के डाक्‍टर बायोमेट्रिक उपस्‍थ‍िति दर्ज करने की व्‍यवस्‍था का विरोध कर रहे हैं। सरकार इस नीति को काफी दिनों से लागू करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए अस्‍पतालों में मशीनें भी लगाई गईं, लेकिन डाक्टरों का संगठन इसमें खामियां गिनाता है। पिछले दिनों डाक्‍टरों ने इस मसले पर एक दिन ही हड़ताल भी की थी। डाक्‍टर इस मसले पर आंदोलन की तैयारी में हैं।

अस्पतालों में डाक्टरों की उपस्थिति और मौजूदगी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने काफी नाराजगी दिखाई। उन्होंने कहा बीते दिनों औचक निरीक्षण में सात सौ पांच डाक्टर लापता मिले। इन डाक्टरों पर सख्त कार्रवाई हो। विभाग ने बताया एक सौ चार डाक्टरों ने डयूटी से नदारद रहने के मामले में जवाब सौंपा है। तेजस्वी यादव ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में डाक्टर डयूटी पर नहीं जाते शहर में प्रैक्टिस करते रहते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे डाक्टरों की फाइल उनके पास आई हैं। उन्होंने कार्य को गंभीरता से नहीं लेने वाले डाक्टरों को बख्शा नहीं जाएगा।

बैठक में तेजस्वी यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले महीने जिला अस्पतालों में सुधार के लिए जो टास्क दिए गए थे, उनकी अब समीक्षा हो। ताकि पता चल सके इतने दिनों में क्या काम हुए। उन्होंने स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से कहा 14-15 अक्टूबर को मुख्यालय से टीमों को जिलों में भेजा जाए। टीमें जाकर जांच करें पूर्व में जो कार्य सौंपे गए उनकी क्या प्रगति है। अस्पतालों में सुधार हुए है या नहीं।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंत्री को जानकारी दी गई कि जिला अस्पतालों में व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम चल रहा है। शौचालय की मरम्मत से लेकर इमारतों के रंग रोगन, अनावश्यक जमा सामनों का हटाने से लेकर दवा वितरण और भंडारण की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंत्री ने निर्देश दिए कि जिला अस्पतालों में महिलाओं की सुविधा के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई जाएं।

बैठक में तेजस्वी यादव ने विभाग द्वारा बनाई जा रही रेफरल नीति पर भी जानकारी ली। उन्होंने कहा रेफरल नीति को जल्द अंतिम रूप दिया जाए। रेफरल नीति बनने से मरीजों का समुचित इलाज जिलों में हो सकेगा उन्हें पटना रेफर करने के पहले कई नियमों का पालन करना होगा।

इससे पटना में मरीजों की संख्या घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वो कोशिश कर रहे हैं कि हर जिले में ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था हो जिसके लिए लोग पटना आते हैं। समीक्षा बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ङ्क्षसह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।