जासं। बिहार में आदमखोर हो चुके बाघ ने लोगों की नींद उड़ा दी है। पश्चिमी चंपारण के बगहा में बाघ अब हर रोज लोगों को शिकार बनाने लगा है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघिया रेंज के बलुवा में शनिवार की सुबह उसने मां-बेटे को हमला कर मार दिया। यह बाघ चार लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
बताया जा रहा है कि सब्जी के खेत में मौजूद मां-बेटे पर बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया और शव को घसीटते गन्ने की खेत की ओर ले गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर बाघ भाग निकला।
वीटीआर बिहार के चंपारण के साथ ही नेपाल और उत्तर प्रदेश तक फैले वनक्षेत्र का हिस्सा है। यहां जंगल के इर्द-गिर्द काफी गांव बसे हुए हैं। वीटीआर सहित यूपी और नेपाल के इससे सटते जंगलों में 50 से अधिक बाघ होने का अनुमान है, लेकिन ये बाघ आम तौर पर आबादी वाले इलाके में नहीं जाते हैं। माना जा रहा है कि यह बाघ आदमखोर होने के कारण लगातार गांवों में जा रहा है।
नरभक्षी बाघ को मारने के लिए सात सदस्यीय टीम में जिसमें बगहा, बेतिया व मोतिहारी एसटीएफ व जिला पुलिस के तेज तर्रार सात जवानों को अत्याधुनिक असलहों के साथ भेजा गया है। आक्रोशित ग्रामीण स्थानीय पुलिस व वन विभाग की टीम का घेराव कर रहे हैं। बलुवा निवासी 32 वर्षीय बबीता सब्जी के खेत में थी। कुछ दूरी पर उसका सात वर्षीय बेटा शिवम भी मौजूद था।
ग्रामीणों के अनुसार गन्ने के खेत से निकले बाघ ने पहले शिवम पर हमला किया और उसके बाद बबीता पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। घटना को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं। वे वन विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह बबीता देवी अपने बेटे शिवम के साथ घर के पीछे स्थित सब्जी के खेत में गई थी। इसी बीच पास के गन्ने के खेत में छुपे बाघ ने उनपर हमला कर दिया और पलक झपकते ही मौत के घाट उतार दिया। हमले के बाद बाघ शव को गन्ने के खेत में घसीटते हुए ले गया।
बाद में ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद शव को वहां पर छोड़ा। गांव के लोग गन्ने के खेत में बाघ की तलाश कर रहे हैं। मौके पर एसटीएफ के जवाबन तैनात कर दिए गए हैं। चार दिनों में चार लोगों की मौत से क्षेत्र में दहशत है। यह बाघ कब किसकी जान ले लेगा, कहना मुश्किल है।