समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। मुलायम सिंह लंबे समय से बीमार थे। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। यूं तो मुलायम की तबीयत पिछले दो साल से ज्यादा खराब थी, लेकिन नौ जुलाई को उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के निधन के बाद वह ज्यादा टूट गए थे। पत्नी की मौत के चार महीने के अंदर ही मुलायम सिंह ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। इसी साल नौ जुलाई को मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव की पत्नी का भी निधन हुआ था। उनके निधन के एक महीने बाद ही मुलायम सिंह की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। 22 अगस्त को उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया। तब से उनका इलाज यहां चल रहा था। दो अक्तूबर को हालात ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लगातार उनकी हालत खराब हो रही थी। रक्तचाप सामान्य नहीं हो रहा था।
आठ दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद मुलायम सिंह यादव ने सोमवार यानी 10 अक्तूबर को सुबह आठ बजकर 15 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली।
आपको बता दें कि आज से ठीक 93 दिन पहले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता ने भी इसी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। साधना गुप्ता मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी थीं। वह भारतीय जनता पार्टी की नेत्री अपर्णा यादव की सास और प्रतीक यादव की मां थीं।
साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। उसी साल मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हुआ था। साधना गुप्ता को पत्नी स्वीकार करने पर अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज हुए थे।
साधाना की शादी 4 जुलाई साल 1986 को फर्रुखाबाद के व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। इसके एक साल बाद 7 जुलाई साल 1987 को उन्होंने बेटे प्रतीक यादव को जन्म दिया। प्रतीक के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। दोनों का तलाक हो गया।
पहले पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग होने के बाद साधना गुप्ता ने राजनीति में कदम रखा। वह पार्टी की कार्यकर्ता थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात मुलायम सिंह यादव से होने लगी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं।
1987 में पति से अलग होने के बाद साधना मुलायम की जिंदगी में आईं। दोनों की मुलाकात बढ़ती गई और प्यार भी। इस बीच, साधना मुलायम के लिए लकी साबित हुईं। 1989 में मुलायम यूपी के मुख्यमंत्री बन गए।
यूं तो मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना की मौत के बाद वह बिल्कुल टूट गए। इसके बाद वह ज्यादा बीमार रहने लगे। तीन महीने बाद ही मुलायम सिंह यादव ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया