मेरठ. मेरठ में आज निगम बोर्ड की बैठक फिर से हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक में पहुंची महापौर सुनीता वर्मा ने बैठक शुरू करने से पहले मुलायम सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर मीटिंग शुरू कराई। वहीं बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले ही टाउन हॉल के बाहर नगर निगम के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। महापौर की मौजूदगी में बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि यदि मेरठ में कोई भी पिटबुल जैसे खुंखार कुत्ते को पालता है तो उसे इसके लिए अनुमति लेनी होगी। इस पर सभी ने सहमति जताई। वहीं सभासद एहसान अंसारी मीटिंग हॉल में ही अपनी समस्या को लेकर धरने पर बैठ गए। वहीं बैठे के दौरान टिप्पणी करने को लेकर सभासद व पार्षद आपस में भिड़ गए। इस दौरान खूब धक्का मुक्की हुई। फिलहाल कार्रवाई रोक दी गई है। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। मौके पर मौजूद पुलिस ने हंगामा कर रहे पार्षदों को समझाने का प्रयास किया तो वे पुलिस से भी भिड़ गए और खूब धक्का मुक्की हुई। वहीं बैठक खत्म होने के बाद सफाई कर्मियों ने नगरायुक्त पर हमला बोल दिया और उन्हें दौड़ा लिया। नगरायुक्त ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई।

निगम की बोर्ड बैठक में सभासद आपस में भिड़ गए। यहां तक कि मारपीट की नोबत आ गई। इस दौरान एक दूसरे पर पानी की बोतलें फेंक कर मारीं। पुलिस ने बीच बचाव कराने का प्रयास किया तो सभासद पुलिस से भी भिड़ गए। इस बीच खूब धक्का मुक्की हुई।

टाउन हॉल में चल रही मेरठ नगर निगम बोर्ड बैठक में धरना देकर बैठे पार्षद अहसान अंसारी, कहा-मेरा अपमान किया गया, आखिर कौन है उसका जिम्मेदार? पार्षद होने के बावजूद मुझे जनसुनवाई से धक्के देकर क्यों निकाला गया।

विभिन्न मांगों को लेकर सभासदों व पार्षदों के बीच खूब कहासुनी, नोकझोंक व धक्का मुक्की हुई। बताया कि मेयर खेमे के पार्षद और बीजेपी पार्षदों में धक्का-मुक्की हुई। पार्षदों में हाथापाई के बाद पुलिस भी बुलाई गई लेकिन भाजपा पार्षद पुलिस से भी उलझ गए। बताया गया कि भाजपा पार्षदों ने मेयर खेमे को विरोधी बता दिया था जिस पर मेयर खेमे के पार्षद भड़क गए।

मेरठ नगर निगम बोर्ड बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने को लेकर खूब हंगामा हुआ। पार्षदों ने आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों का 16,500 रुपए वेतन करने की मेयर सुनीता वर्मा और नगरायुक्त अमित पाल शर्मा से मांग की। इस दौरान बैठक में पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने भी हंगामा किया। समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर जोरदार हंगामा, सफाई कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।

माना जा रहा है कि वर्तमान बोर्ड की अगली बैठक से पहले ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में शहर के लोगों को उम्मीद है कि इस बैठक में पार्षद टैक्स का बोझ कम करने सुविधाएं बढ़ाने के लिए लड़ेंगे। हालांकि फिर से बोर्ड बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई और कार्रवाई रोक दी गई।

सफाई कर्मचारियों ने सदन पर हमला बोलते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए और नगर आयुक्त को दौड़ा लिया। नगर आयुक्त को घेरे में लेकर अधिकारियों ने टाउन हॉल से बाहर दौड़ लगाई और एसपी सिटी कार्यालय में जाकर घुस गए। फिलहाल नगर आयुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा समस्त अधिकारियों के साथ एसपी सिटी के कार्यालय में बैठकर आगे की कार्य योजना बना रहे हैं।

सफाई कर्मचारियों की मांग 16,500 वेतन को लेकर चल रही थी। टाउन हॉल के तिलक भवन में अंदर बोर्ड बैठक चल रही थी, तो सफाई कर्मचारी सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे थे। जैसे ही महापौर सुनीता वर्मा ने नगर निगम की बोर्ड बैठक को स्थगित करने की घोषणा की और वह सदन से बाहर निकले तो सफाई कर्मचारी की भी सदन में अंदर घुस गए।

यहां मौजूद नगर आयुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। सफाई कर्मचारी नेताओं ने निगम अधिकारियों के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की भी की। इसके बाद टाउन हॉल के पिछले गेट से होते हुए एसपी कार्यालय पहुंच गए। इस समय एसपी सिटी कार्यालय के बाहर पुलिस बल और प्रवर्तन दल के सदस्य तैनात हैं।