नई दिल्ली। 90 के दशक में पैदा हुए और बचपन गुजारने वाले लोगों के सामने पारले-जी की बात करो तो उनकी जुबां पर आज भी उसका स्‍वाद आ जाता है. ब‍िस्‍किट और नमकीन बनाने वाला Parle-G ब्रांड क‍िसी पर‍िचय का मोहताज नहीं है. खबरों की मानें तो अब वह द‍िन दूर नहीं जब पारले-जी बनाने वाली कंपनी 200 से ज्‍यादा प्रकार के ब‍िस्‍क‍िट और नमकीन को तैयार करेगी. जी हां, देश का सबसे बड़ा बिस्किट ब्रांड अपने कारोबार को विस्तार देने की तैयारी कर रहा है.

मीड‍िया र‍िपोर्ट की मानें तो भारतीय बिस्किट निर्माता कंपनी पारले प्रोडक्ट्स पोलैंड की डॉ जेरार्ड कंपनी को खरीदने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें डॉ जेरार्ड की शुरुआत 1993 में हुई थी. साल 2013 में ब्रिजप्वाइंट ने इसे फ्रांस के ग्रुप पॉल्ट से खरीद ल‍िया था. अब पारले प्रोडक्‍ट्स की प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्रिजप्वाइंट से इस डील को लेकर बातचीत चल रही है.

कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार डॉ जेरार्ड कंपनी करीब 200 प्रोडक्ट तैयार करती है. इसमें बिस्किट-नमकीन से लेकर स्नैक्स तक शामिल हैं. कंपनी की तरफ से तैयार क‍िए गए प्रोडक्‍ट का 30 से ज्‍यादा देशों में न‍िर्यात क‍िया जाता है. ब्रिजप्वाइंट 2022 की शुरुआत में डॉ जेरार्ड से बाहर निकलने के लिए इन्वेस्टमेंट बैंक हुलिहान लोकी को अप्‍वाइंट किया था. लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुए युद्ध के कारण यह प्रक्र‍िया पूरी नहीं हो सकी.

पारले प्रोडक्‍ट्स ने ब्रिजप्वाइंट से चल रही बातचीत के बारे में कोई भी आध‍िकार‍िक जानकारी नहीं दी है. रिपोर्ट में बताया गया है क‍ि पोलैंड के इस बिस्किट-नमकीन ब्रांड की अनुमानित वैल्‍यू 10 से 12 अरब डॉलर है. हालांक‍ि जानकारों का यह भी कहना है क‍ि यह वैल्‍यू बढ़कर 24 अरब डॉलर तक जा सकती है. आपको बता दें Parle-G ब्रांड की शुरुआत 1929 में हुई थी. पहली बार 1938 में पारले-ग्‍लूको नामक ब‍िस्‍कि‍ट का उत्पादन शुरू किया गया था.