नई दिल्ली. अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है और आप एक ऐसे निवेश विकल्प की तलाश में हैं जहां से आपको नियमित इनकम मिल सके, तो सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और पीएम वाया वंदना योजना में निवेश कर सकते हैं. ये सरकार द्वारा समर्थित स्कीम्स हैं इसलिए इसमें जोखिम का खतरा न के बराबर है. अगर आपके जीवनसाथी की उम्र भी 60 वर्ष से अधिक है तो आप दोनों इन स्कीम्स में अपना पैसा लगा सकते हैं.
इन दोनों योजनाओं में 7.4 फीसदी का वार्षिक रिटर्न मिलता है. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) का टेन्योर 3 साल का है जिसे और 3 साल आगे बढ़ाया जा सकता है. जबकि पीएम व्यय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) का टेन्योर 10 साल का होता है. अगर आप रिटायर हो गए हैं और एक स्थाई इनकम चाहते हैं तो दोनों स्कीम्स आपकी पहली पसंद बन सकती हैं.
एक शख्स एक योजना में केवल 15 लाख रुपये तक ही निवेश कर सकता है. यानी दोनों योजनाओं में मिलाकर 30 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. हालांकि, जॉइंट अकाउंट के मामले में चीजें बदल जाती हैं. अगर आप और आपका जीवनसाथी दोनों ही योजनाओं में जॉइंट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आप एक ही योजना में 30 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसी तरह दूसरी योजना में भी 30 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. यानी अगर आप दोनों योजनाओं में जॉइंट अकाउंट खोलते हैं तो कुल 60 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. दोनों योजनाओं में कोई एक प्राइमरी अकाउंट होल्डर होगा और दूसरा सैकेंडरी.
फिलहाल इन दोनों योजनाओं पर 7.4 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है. इसका मतलब है कि आपको जॉइंट अकाउंट खोलने पर एक योजना से 1.11-1.11 लाख रुपये मिलेंगे. इसी तरह दूसरी योजना से भी इतनी ही रकम मिलेगी. कुल मिलाकर साल भर में आपको 4.44 लाख रुपये का रिटर्न दिया जाएगा. इसे महीनों में देखें तो करीब 36-37 हजार होते हैं. पीएमवीवीआई हर महीने ब्याज लेना का विकल्प देती है लेकिन एससीएसएस में आपको केवल तिमाही पर ही ब्याज मिलता है. इसलिए आपको मासिक खर्चों को उसी के अनुसार मैनेज करना होगा.
इन दोनों के अलावा पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, आरबीआई फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स व डेट फंड्स में भी आप निवेश कर सकते हैं. जानकार ये भी मानते हैं कि भले ही आपका लक्ष्य फिक्स्ड इनकम लेना हो लेकिन आपको सारा फंड इन विकल्पों में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी न किसी दिन इनकी ब्याज दर घटेगी और आपका वित्त बिगड़ जाएगा.