नई दिल्ली। आदित्य बिड़ला कैपिटल, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की लाइफ इंश्योरेंस यूनिट आरएनएलआईसी के सफल बोलीकर्ता के रूप में उभरने की स्थिति में निप्पॉन लाइफ के साथ विलय की संभावना को लेकर संपर्क में है. सूत्रों की तरफ से यह जानकारी दी गई.
रिलायंस कैपिटल की सहयोगी रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (आरएनएलआईसी) में 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ आगे चलकर रिलायंस निप्पॉन लाइफ और बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के विलय के बारे में सोच सकती है. बिड़ला सन लाइफ, आदित्य बिड़ला कैपिटल की ही एक इकाई है.
आरएनएलआईसी दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही ऋणग्रस्त कंपनी रिलायंस कैपिटल की सहयोगी है. बीमा नियामक इरडा के निर्देशों के मुताबिक कोई भी कंपनी एक से अधिक जीवन बीमा इकाइयों का संचालन नहीं कर सकती है. इस वजह से बिड़ला सन लाइफ के प्रवर्तकों के आरसीएल के सफल बोलीकर्ता के रूप में उभरने की स्थिति में उसके लिए रिलायंस निप्पॉन लाइफ के साथ विलय करना एक बाध्यता हो जाएगी.
इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए आदित्य बिड़ला कैपिटल को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है. सूत्रों का कहना है कि दोनों बीमा इकाइयों के मूल्यांकन के आधार पर निप्पॉन लाइफ को विलय के बाद बनने वाली नई इकाई में अपनी हिस्सेदारी को 49 प्रतिशत से घटाकर करीब 15 प्रतिशत पर लेकर आना होगा.
आरसीएल और उसकी अनुषंगियों के लिए बाध्यकारी निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 28 नवंबर है. आरसीएल के बीमा समेत आठ कारोबार इस बोली प्रक्रिया का हिस्सा हैं. इसमें बोलीकर्ता कंपनी एवं उसकी अनुषंगियों के लिए सम्मिलित बोली लगा सकते हैं या फिर वे अनुषंगियों के लिए अलग-अलग बोली भी लगा सकते हैं.