नई दिल्ली। अपना घर खरीदने की चाह किसे नहीं होती! हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में टॉप 7 शहरों में घर खरीदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन शहरों में कुल बिक्री 3.6 लाख यूनिट से अधिक होने की उम्मीद है। अगर आप भी अपना फ्लैट बुक करा रहे हैं या घर खरीदने की सोच रहे हैं तो कुछ जरूरी चीजें जान लें, खासकर संपत्ति कर के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है।
क्या आप जानते हैं कि नगर निगम के अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले मकान/फ्लैट मालिकों से संपत्ति कर वसूलते हैं। संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने पर कुछ हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। समय सीमा के भीतर संपत्ति कर का भुगतान न करने वाले डिफॉल्टरों के खिलाफ नगर निगम अक्सर सख्त कदम उठाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि संपत्ति कर न भरने का परिणाम/जुर्माना हर राज्य के आधार पर अलग-अलग होता है। टैक्स कनसल्टेन्ट अमृता देवयानी बताती हैं कि आपकी संपत्ति किस नगरपालिका प्राधिकरण के अंतर्गत आती है, अधिक महत्व इस बात का है। अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली नगर निगम प्रति माह देय राशि पर 1% का जुर्माना लगाता है।
अमृता देवयानी बताती हैं कि समय पर संपत्ति कर का भुगतान न करने पर संबंधित नगरपालिका या प्राधिकरण बकाया राशि की वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी कर सकता है। अगर इस नोटिस के बाद भी संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया जाता तो उस स्थिति में संबंधित नगरपालिका या प्राधिकरण आगे कानूनी कार्रवाई कर सकता है। कई शहरों में डिफॉल्टरों को अक्सर संपत्ति कर का भुगतान न करने पर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जाता है। अगर डिफॉल्टर ‘कारण बताओ नोटिस’ को नजरअंदाज करता है तो कुछ नगर निगम टैक्स की राशि का 15 से 25 फीसद जुर्माना लगाते हैं।
जुर्माने के बाद भी भुगतान न करने पर नगर निगम कुर्की के माध्यम से बकाया वसूली की कोशिश कर सकते हैं। विलफुल डिफॉल्टर्स को जेल और और जुर्माना, दोनों एक साथ हो सकता है।