मेरठ। मेरठ की टीपीनगर थानाक्षेत्र में एक नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की गला घोंटकर निर्मम हत्या कर दी गई। मृतक युवक रोहित के दोनों हाथ रस्सी से पीछे बांधे थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। पुलिस ने उसका शव बेड के अंदर से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

वहीं नशा मुक्ति केंद्र के दो अन्य व्यक्ति लापता बताए जा रहे हैं। अंदेशा लगाया जा रहा कि उक्त दोनों युवकों ने ही युवक की हत्या की है। एसपी सिटी और टीपी नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। वारदात में नशा मुक्ति केंद्र संचालक और पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है।

दिल्ली रोड से वेदव्यासपुरी को जाने वाले रास्ते में स्थित शिवपुरम कॉलोनी में शिवम गुर्जर ने नशा मुक्ति केंद्र बनाया हुआ है। जिसमें सिर्फ तीन युवक रोहित, अनूप और संदीप का इलाज चल रहा था। अंदेशा था कि तीनों रस्सी बांधकर छत के रास्ते से फरार हुए हैं। घटना का पता पुलिस को भले ही शाम को लगा हो, लेकिन रोहित की हत्या दोपहर में ही हो चुकी थी।

शिवम ने बताया कि दोपहर में करीब 12 बजे उसकी मां विमलेश ने सूचना दी कि मरीज भाग गए हैं। शाम को सफाई करते वक्त बेड में रोहित का शव देखकर विमलेश की चीख निकल गई। कुछ देर बाद ही शिवम नशा मुक्ति केंद्र पहुंचा और टीपीनगर पुलिस को सूचना दी। उसके दोनों हाथ पीछे की ओर बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। उसके गले में दुपट्टा था, जिससे उसकी गला घोंटकर हत्या हुई है। शरीर पर भी काफी चोट के निशान मिले हैं। आशंका है कि हत्या से पहले रोहित के साथ बेरहमी से मारपीट हुई है।

रोहित के परिवार का आरोप है कि बेटे को सुधरने के लिए भेजा था, लेकिन इन्होंने बेटे को मौत दे दी। पीड़ित परिवार का कहना है कि रोहित की मौत के जिम्मेदार दोनों आरोपियों के साथ-साथ नशा मुक्ति केंद्र चलाने वाला भी है।  शिवम ने पुलिस को बताया कि अनूप 10 दिन पहले नशा मुक्ति केंद्र में आया था। वह पहले भी एक हत्या कर चुका है। जिसका मुकदमा परतापुर थाने में दर्ज है। काउंसलिंग के दौरान अनूप ने यह जानकारी दी थी। कंकरखेड़ा निवासी संदीप 13 महीने पहले यहां आया था। रोहित 15 जुलाई को यहां लाया गया था।

अनूप और संदीप के परिवार के लोग भी चिंतित हैं कि कहीं उनके साथ भी तो कोई वारदात नहीं हो गई। भले ही पुलिस और रोहित के परिजनों को आशंका है कि अनूप और संदीप ने ही वारदात की है, लेकिन जब तक वे मिल नहीं जाते कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।