नई दिल्ली. गाड़ियों की कीमत लाखों में होती है. लोग इसे खरीदने के लिए कई साल पैसे इकट्ठा करते हैं. कुछ लोग गाड़ी की कीमत के बराबर पैसे इकट्ठा नहीं कर पाने के कारण बैंक से लोन लेकर इसे खरीदते हैं. धीरे-धीरे करके इस पैसे को ईएमआई के रूप में वे लोन वापिस करते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ईएमआई पर गाड़ी खरीदने के बाद अगर यह चोरी हो जाए तो क्या इसके बावजूद भी पैसे देने पड़ेंगे. इंश्योरेंस कंपनी इस मामले में किस तरह से अपनी भूमिका निभाती है.
दरअसल बैंक का काम केवल ग्राहक को उधार के रूप में पैसे देना होता है. इसके साथ ही अपनी सहूलियत को देखते हुए ग्राहक हर महीने धीरे-धीरे करके पैसे बैंक को जमा करते हैं.
किसी भी गाड़ी को खरीदने के बाद हर महीने ईएमआई पे करना जरूरी है. समय पर पेमेंट नहीं करने पर पेनाल्टी के रूप में अधिक पैसे देने होते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं लगातार 3 महीने तक ईएमआई नहीं देने के कारण लोन रिकवरी एजेंट कॉल कर परेशान करने के साथ ही गाड़ी उठाने की भी धमकी देते हैं. कई बार वे इसे घर से उठाकर ले भी जाते हैं. ऐसी स्थिति में कुछ लोग पेमेंट करना बंद कर देते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं गाड़ी चोरी हो जाने के बाद भी ईएमआई देना जरूरी है.
गाड़ी चोरी होने के बाद भी ईएमआई पे करनी पड़ेगी. अगर आसान शब्दों में कहें तो किसी से उधार पैसे लेकर उससे खरीदी हुई सामान अगर खो जाए तो इसमें उधार देने वाले की गलती नहीं है. ठीक इसी तरह बैंक केवल उधार देने का काम करती है. अगर आपके पास पैसे नहीं हो और गाड़ी खो जाए ऐसे में आप ऑनलाइन कंप्लेंट कर एफआईआर की कॉपी दिखाकर इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं. इसे क्लेम करते समय आपके पास गाड़ी की दोनों चाबी कार के ओनर के पास जरूर होनी चाहिए.
अगर किसी वजह से आप समय पर ईएमआई पेमेंट नहीं कर पाते हैं या फिर इसे करने में डिले करते हैं तो बैंक कई तरह से एक्शन ले सकती है. दरअसल बैंक के पास सभी डाक्यूमेंट्स होते हैं. ऐसी स्थिति में वे सिविल स्कोर डाउन कर देते हैं. इसके बाद ग्राहक आगे चलकर किसी भी बैंक से लोन नहीं ले पाते हैं. अगर आपकी भी गाड़ी चोरी हो जाए तो सबसे पहले पुलिस कंप्लेन करने के बाद इसकी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को दें. इसके अलावा जब तक गाड़ी के बारे में पता नहीं चले या इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम सैटल नहीं हो तब तक ईएमआई पेमेंट करते रहें.