नई दिल्ली. मुसीबत बताकर नहीं आती. लेकिन अगर हम कुछ सावधानी बरतें तो मुसीबत आने की संभावना को कम किया जा सकता है. यह नियम कार या कोई भी अन्य वाहन चलाने वालों पर भी लागू होता है. अक्सर लोग जल्दबाजी में अपनी कार को स्टार्ट करते हैं और सफर पर निकल जाते हैं. लेकिन कार चलाने से पहले अगर आपने कुछ जरूरी नियमों को फॉलो नहीं किया तो हो सकता है बीच रास्ते आपको मेकैनिक बुलाना पड़ जाए या गाड़ी को धक्का लगाने की नौबत आ जाए.

जब भी कार में बैठें तो इसके टायर को जरूर चेक कर लें. अक्सर देखा जाता है कि हम बिना कुछ जांचे कार में बैठ जाते हैं और अपने सफर पर निकल जाते हैं. ऐसे में अगर आपकी गाड़ी के टायर में हवा कम होगी तो इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ेगा. कई बार टायर में पंक्चर तक हो जाता है और हमें पता तक नहीं चल पाता. अगर आप पंक्चर टायर को ज्यादा दूर तक चलाएंगे तो टायर पूरी तरह खराब भी हो सकता है.

आमतौर पर कार के टायर में 30 से 35 psi (पाउंड प्रति स्क्वायर इंच) के बीच हवा रखनी चाहिए. यह प्रेशर टायर ठंडा होने पर ही मापना चाहिए. अगर आप काफी देर तक गाड़ी चलाकर लाए हैं तो पहले टायर ठंडा होने दें और तभी यह प्रेशर चेक करें.

टायर प्रेशर हर गाड़ी के हिसाब से कम-ज्यादा हो सकता है. अपनी गाड़ी का सही प्रेशर जानने के लिए आप यूजर मैनुअल पढ़ सकते हैं. इसके अलावा, टायर प्रेशर की जानकारी ड्राइवर के दरवाजे के अंदर लिखी होती है. दरवाजा खोलते ही आपको एक स्टिकर दिख जाएगा, यहां कितना टायर प्रेशर होना चाहिए यह लिखा होगा.