नई दिल्ली:मॉनसून सत्र का आखिरी हफ्ता आज से शुरू हो रहा है और इससे पहले सरकार और विपक्षी दल दोनों अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल पेगासस मुद्दे को लेकर अपने पुराने रुख पर कायम हैं। ऐसे में लगता नहीं कि इस आखिरी हफ्ते में भी कोई बात बनेगी।
19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दलों के विरोध और गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग पर अड़े हुए हैं और इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। हंगामे के बीच किसी दिन भी संसद की कार्यवाही ठीक ढंग से नहीं चल पाई और मॉनसून सत्र आखिरी हफ्ते में प्रवेश कर गया है। बचे हुए दिनों में भी कोई खास उम्मीद नहीं है, विपक्ष इस मुद्दे पर अब भी हमलावर है। वहीं आज नजर आरक्षण से जुड़े बिल पर भी होगी।
केंद्र सरकार आज आरक्षण से जुड़ा अहम बिल लोकसभा में पेश करने वाली है। इस बिल के पास हो जाने के बाद राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार होगा। 127 वें संविधान संशोधन बिल के द्वारा आर्टिकल 342 ए(3) लागू किया जाएगा जिसके जरिए राज्यों को अधिकार होगा कि वो अपने हिसाब से ओबीसी सूची तैयार कर सकें। मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ओबीसी सूची बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास ही है राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकते हैं।
आज से मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह शुरू हो रहा है और विपक्षी दल भी इस बिल के समर्थन में आ गए हैं। ऐसे में सरकार को इसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि नजर हंगामे पर है क्योंकि अब तक पेगासस पर गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में सरकार की ओर से आज छह विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है, इसमें ओबीसी आरक्षण विधेयक के अलावा डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी बिल, होम्योपैथी बिल, लिमिटेड लाइबिलीटी पार्टनरशिप बिल शामिल है।