ठंड के दिनों में सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे तमाम रोगों का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे ही लकवा जैसी बीमारियों का भी खतरा बना रहा है। सर्दियों में लोगों को ठंड के कारण बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन के ठीक तरह से न होने की शिकायत रहती है। ऐसे में लकवा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। 50 साल की उम्र पार कर चुके लोगों को इसका खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल पर काबू पाकर इससे बचा जा सकता है। नशा करने वाले लोगों पर इसका खतरा अधिक होता है। लिहाजा नशे का सेवन करना बंद कर देना चाहिए।

लकवा शरीर के एक हिस्से में मार सकता है। अगर यह आपके चेहरे पर मारता है तो इसे मेडिकल भाषा में फेशियल पैरालाइसिस कहा जाता है। सर्दियों में नमक ज्यादा खाने से चेहरे को लकवा मार सकता है।

लकवा के लक्षणों को बहुत आसानी से पहचान सकते हैं। दिमागी दौरा जब पड़ता है तो उसके शुरुआती लक्षण में जुबान लडख़ाती है, चक्कर आता है, शरीर के किसी एक स्थान पर दर्द होता है। इसके बाद शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है। दौरा तेज है तो व्यक्ति अचेत हो जाता है। इसमें शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ जाता है। बोलने में परेशानी होती है। पलक झपकाने में कठिनाई होने लगती है। चेहरा टेढ़ा हो जाता है। लोगों की बातों को समझने में परेशानी होने लगती है। आमतौर पर 50 साल की ऊम्र पार कर चुके लोगों को लकवा का ज्यादा खतरा रहता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अन्य को नहीं हो सकता। स्मोकर्स या अन्य ड्रग लेने वालों को कम उम्र भी झटका पड़ सकता है।

भोजन में नमक की मात्रा अधिक लेने से चेहरे पर लकवा (फेशियल पैरालाइसिस) मार सकता है। इसकी वजह ये है कि ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर हाई होता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्ट्रोक आना चेहरे का लकवा मारना सबसे बड़ा कारण है। फेशियल पैरालाइसिस होने से चेहरे के एक या दोनों तरफ की मांसपेशियां काम करना बंद कर सकती हैं।

आयुर्वेद में बताया गया है कि ठंड के मौसम में कान और सिर हमेशा ढककर रखना चाहिए। इससे चेहरे पर लकवा मारने के खतरे को 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसकी वजह ये है कि ठंडी हवा लगने से नसें बहुत ज्यादा प्रभावित होती हैं। इससे फेशियल पैरालाइसिस हो सकता है। सर्दियों में कान और सिर को ऊनी टोपे, मफलर या शाल से जरूर ढके रहना चाहिए।

ठंड के मौसम में गर्म तासीर वाले भोजन करना चाहिए। इतना ही नहीं गर्म कपड़ों से शरीर को ढंक कर रखें। शरीर में ठंडा तेल लगाने से बचना चाहिए। गुनगुना पानी पीना चाहिए। तेल से मालिश करना चाहिए। धूप में अधिक से अधिक समय गुजारें।