शिमला/किन्नौर। हिमाचल प्रदेश के रिकांगपिओ से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही एचआरटीसी की बस चट्टानों के गिरने के कारण हादसे का शिकार हो गई है। बताया जा रहा है कि यह हादसा हिमाचल के किन्नौर जिले के पास निगुलसेरी में पहाड़ से मलबा गिरने के कारण हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि इससे 30 लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने इस घटना की पुष्टि की है और संभव मदद करने का एलान किया है।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसेरी नेशनल हाईवे-5 पर चील जंगल के पास चट्टानें गिरने की घटना सामने आई है। इस हादसे में एचआरटीसी बस की चपेट में आने की सूचना है। बताया जा रहा है कि चट्टानें गिरने से एचआरटीसी बस मलबे में दब गई है। एक शव बरामद हुआ है। करीब 30 लोगों के मलबे में दबे होने के आशंका है। 6 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। अन्य की तलाश जारी है। सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई हैं।

एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि किन्नौर जिले मे मूरंग हरिद्वार रूट की यह बस है। डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिर रही हैं। इस वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि निगुलसेरी, किन्नौर में भूस्खलन होने से मलबे में वाहनों के दबने का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं। हमने किन्नौर प्रशासन को राहत-बचाव कार्य के निर्देश दे दिए हैं। मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने जयराम ठाकुर से फोन पर बात की और वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली। गृह मंत्री ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए और स्थिति का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के महानिदेशक से भी बात की।

गौरतलब है कि 25 जुलाई 2021 को किन्नौर जिले के बटसेरी में सांगला-छितकुल मार्ग पर पहाड़ी से दरकी चट्टानों की चपेट में एक पर्यटक वाहन आ गया था। हादसे में टेंपो ट्रैवलर में सवार नौ पर्यटकों की मौत हो गई थी। हादसा इतना भयानक था कि वाहन को चट्टानों ने हवा में ही उड़ा दिया था और 600 मीटर नीचे बास्पा नदी के किनारे दूसरी सड़क पर जा गिरा था। मृतकों में मां और पुत्र-पुत्री समेत 4 राजस्थान के, छत्तीसगढ़ के दो, महाराष्ट्र और दिल्ली का एक-एक पर्यटक था। सभी पर्यटक दिल्ली से ट्रैवल एजेंसी के वाहन में किन्नौर घूमने आए थे। पहाड़ी से गिरे बड़े पत्थर से बटसेरी स्थित बास्पा नदी पर बना 120 मीटर लंबा लोहे का पुल भी पलक झपकते ही धराशायी हो गया था।