मथुरा। कोर्ट मैरिज करने वाली एक महिला की हत्या में उसके पति और दोस्त ने जेल काटी, वह महिला राजस्थान के दौसा में अपने दूसरे पति के घर में मिल गई। मथुरा पुलिस राजस्थान से महिला को पकड़कर लाई है। उसे कोर्ट में पेशकर बयान दर्ज कराए जाएंगे।

घटना 2015 की है। दौसा निवासी सोनू सैनी बालाजी कस्बे में समाधि गली के पास एक दुकान करता था। मथुरा के वृंदावन की रहने वाली आरती अपने पिता सूरज प्रसाद के साथ बाला जी दर्शन करने आई थी। तब सोनू की आरती से जान-पहचान हो गई। दोनों मोबाइल पर एक-दूसरे से बात करने लगे। करीब 20 दिन बाद आरती बालाजी गई और सोनू की दुकान पर पहुंच गई। दोनों ने आठ सितंबर 2015 को बांदीकुई कोर्ट में शादी कर ली।

सोनू ने बताया कि वह शादी के बाद आरती को लेकर अपने गांव रसीदपुर चला गया। घर पर आरती ने जायदाद अपने नाम करने की मांग की। सोनू इस पर राजी नहीं हुआ। आठ दिन बाद ही आरती घर से गायब हो गई। खोजबीन में जब आरती का पता नहीं चला तो सोनू एक दुकान पर मजदूरी करने लगा। सोनू ने आरती की गुमशुदगी की रिपोर्ट इसलिए नहीं लिखाई कि आरती ने उसे बताया था कि वह घर से भागकर आई है।

वृंदावन थाने में आरती के पिता ने 25 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई। इसमें सोनू सैनी, गोपाल सैनी और एक अन्य अरविंद पाठक निवासी अलवर पर शक जताया। 29 सितंबर को ही मथुरा में एक नहर में युवती का शव मिला, इसकी पहचान सूरज प्रसाद ने बेटी आरती के रूप में की। छह माह बाद 17 मार्च को सूरज प्रसाद ने सोनू आदि के के खिलाफ हत्या कर बेटी का शव फेंकने की रिपोर्ट दर्ज कराई। वृंदावन पुलिस ने सोनू और गोपाल को गिरफ्तार कर हत्या में जेल भेज दिया। गोपाल इस मामले में नौ माह और सोनू 18 माह तक जेल में रहे।

इलाहाबाद हाई कोर्ट से दोनों को जमानत मिली। जेल से छूटने के बाद गोपाल और सोनू दुकान पर मजदूरी करने के साथ ही आरती की तलाश करने लगे। तभी गोपाल को एक युवक ने बताया कि दौसा के विशाला गांव में एक युवती कुछ वर्ष पहले से शादी करके रह रही है। गोपाल और सोनू विशाला पहुंचे, तो वहां आरती को देखा। इसकी जानकारी वृंदावन पुलिस को दी।

एसओजी प्रभारी अजय कौशल ने अपनी टीम के साथ आरती को दूसरे पति के घर से पकड़ लिया। अजय कौशल ने बताया कि आरती को सोमवार को न्यायालय में पेश कर बयान दर्ज कराए जाएंगे।