भारत ही नहीं दुनिया भर में इस समय सभी पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं. इसी बीच यूपी की राजधानी लखनऊ में चार बच्चों ने एक अनूठा प्रयास किया है. बच्चों का ये प्रयास बड़े-बड़ों को चौंका देगा. बच्चों ने ऐसी कार बनाई है, जिससे प्रदूषण को रोका जा सकेगा.

डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर बच्चों ने कार के तीन मॉडल तैयार किए गए हैं. ये इलेक्ट्रिक कार पूरी तरह स्वदेशी है. इसे तैयार करने में करीब डेढ़ साल का समय लगा है. ये कार एक, दो और तीन सीटर है.

गौरतलब है कि श्रेयांश, गर्वित, विराज और जय ने जाने माने रोबोटिक साइंटिस्ट मिलिंद राज की देखरेख में कार बनाई है. दावा है कि दुनिया में पहली बार किसी कार में सोलर हाइब्रिड DFS और अल्ट्रावायलेट नाम की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है.

इससे ये गाड़ियां जिधर से गुजरेंगी, हवा में मौजूद धूल के कणों को फिल्टर करती जाएंगी. इससे हवा में प्रदूषण का स्तर कम होगा. अभी 3 अलग डिजाइन की गाड़ियां बनकर तैयार हैं. जिनको पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 9 से 14 साल तक के इन चार बच्चों के लिए ये बड़ी उपलब्धि है.

दरअसल, रोबोटिक साइंटिस्ट मिलिंद राज ने पहली बार बच्चों के साथ इन कारों पर काम किया है. मिलिंद कोरोना काल में अपनी ‘Anti Corona Drone’ बनाकर सुर्खियों में आए थे.

कार बनाने वाले इन छात्रों ने ‘फोर-एवर’ (4-ever) नाम की एक टीम बनाई और मिलिंद राज के साथ मिलकर इन गाड़ियों को बनाने का काम शुरू किया.

मिलिंद राज कहते हैं, “दुनिया में कहीं भी DFS यानि डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम वाली गाड़ियां अब तक नहीं बनाई गई हैं. यही भविष्य में लोगों की जरूरत होगी. इसलिए ये रिसर्च महत्वपूर्ण है. पेटेंट की प्रक्रिया पूरी कर इसे बाजार में उतारने की तैयारी भी है. बाजार में एक कार की कीमत करीब 95 हजार रुपये होगी.

इन गाड़ियों की खास बात ये है कि ये कबाड़ से बनी हैं. इसमें पुरानी रॉड, स्टील के फ्रेम जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया है. एक बार चार्ज होने पर कार लगभग 110 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है. इन गाड़ियों को यूपी सरकार के मुख्य सचिव ने भी देखा है.