आम आदमी के साथ ही मोदी सरकार के लिए भी गुड न्यूज आई है. देश में खुदरा महंगाई दर लंबे समय तक आरबीआई के तय लक्ष्य के ऊपर रही थी. इसे काबू में लाने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से एक के बाद एक लगातार पांच बार नीतिगत दरों या रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई. इन कदमों का असर भी देखने को मिला और जहां अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.77% पर आई थी, वो अब 5.88% पर आ गई है. सरकार के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. सरकार की ओर से सोमवार को इसके आंकड़े जारी किए गए.
अक्टूबर के बाद नवंबर का महीना भी महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए राहत भरा रहा. दरअसल, सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सरकार के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई. देश में खुदरा महंगाई दर लंबे समय बाद आखिरकार रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य के भीतर आ गई है. सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई नवंबर महीने में घटकर 5.88 फीसदी पर आ गई है.
इससे पहले जबकि अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी पर आ गई थी. Retail Inflation में नवंबर महीने में आई बड़ी गिरावट में खाद्य वस्तुओं के दाम में आई कमी का बड़ा हाथ है. खाद्य महंगाई दर 4.67 फीसदी पर आ गई है, जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा 7.01 फीसदी रहा था. वहीं नवंबर महीने में शहरी के साथ ग्रामीण दोनों ही इलाकों में खाद्य महंगाई में कमी आई है.
मौजूदा कैलेंडर ईयर की शुरुआत से यह पहला मौका है जब Retail Inflation दर 6 फीसदी से नीचे आई है. सितंबर महीने में रिटेल इंफ्लेशन 7.41 फीसदी था. ये देश में खुदरा महंगाई दर का 11 महीने का निचला स्तर है. यहां बता दें कि रिजर्व बैंक ने देश में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है. ऐसे में नवंबर के आंकड़े आरबीआई के उठाए कड़े कदमों के बाद राहत देने वाले हैं.
गौरतलब है कि आरबीआई महंगाई को काबू में करने के लिए मई 2022 के बाद से पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुकी है. हालांकि, अक्टूबर में खुदरा महंगाई के 7 फीसदी के नीचे आने के बाद भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया था. इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है. इस बढ़ोतरी को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि महंगाई से जंग अभी जारी है इसे 6 फीसदी से नीचे लाया जाएगा. आखिरकार आरबीआई के उठाए गए कदमों का सकारात्मक असर खुदरा महंगाई दर पर दिखाई दिया है.
अक्टूबर 2022 में Retail Inflation Rate में आई कमी के बाद एक्सपर्ट्स भी ये उम्मीद जता रहे थे कि नवंबर में खुदरा महंगाई 6.77 फीसदी के घटकर 6.30 फीसदी पर आ सकती है. लेकिन सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वो इन उम्मीदों से भी कहीं ज्यादा बड़ी गिरावट है. इस बीच देश के विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन घटने और खनन-ऊर्जा प्रोडक्शन में कमजोर वृद्धि से अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 4 फीसदी की गिरावट आई है. इससे एक साल पहले की समान अवधि यानी अक्टूबर 2021 में IIP 4.2 फीसदी बढ़ा था.