नई दिल्ली. ऑनलाइन गेम खेलने वालों पर केंद्र सरकार अब सख्ती बरतने जा रही है। सरकार को इन खेलों के जरिए बड़ा ‘खेल’ नजर आ रहा है। क्योंकि इस तरह के खेलों में पैसों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। सरकार को इस बात का अंदेशा भी है कि ऑनलाइन गेमिंग का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने और इससे कमाई जाने वाली रकम का उपयोग आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में हो सकता है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए नीति को अंतिम रूप देने में लग गया है। इसके तहत देश में सभी रियल-मनी गेम (असली पैसों से खेला जाने वाला ऑनलाइन गेम) के लिए अब उम्र का सत्यापन जरूरी के साथ केवाईसी भी अनिवार्य होगा।

विश्वस्त सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि सरकार के इन नियमों का उद्देश्य असली पैसे से खेले जाने वाले गेम में उपयोगकर्ता की सुरक्षा और वित्तीय नुकसान की चिंता को दूर करना है। आने वाले एक से दो दिन में मंत्रालय इस संदर्भ में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए स्व-नियामक संगठन के गठन की भी सिफारिश कर सकता है। यह नीति दो से तीन हफ्ते में जारी हो सकती है। सरकार के इन नए प्रावधानों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में शामिल किया जाएगा। सरकार के इस नियम से करीब 900 गेमिंग कंपनियां इस नई नीति के दायरे में आ जाएंगी। इनमें एमपीएल और ड्रीम-11 जैसे यूनिकॉर्न भी शामिल हैं। इन दोनों कंपनियों के करीब 10-10 लाख उपयोगकर्ता हैं।

सूत्र ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के नए नियम लागू होने के बाद 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की पहुंच इन गेम्स तक नहीं हो सकेगी। सरकार का यह नियम यह संभावना या संयोग-आधारित या कौशल-आधारित सभी तरह के खेलों पर लागू होगा। लत लगने के जोखिम को कम करने के लिए गेमिंग प्लेटफार्म को एक निश्चित समय के बाद चेतावनी भी प्रदर्शित करनी होगी। इसके अलावा गेमिंग प्लेटफॉर्म से पैसा जमा करने और निकालने के लिए सुरक्षा मानदंड भी इन नियमों शामिल किए जाएंगे।

आज के दौर में कम उम्र के युवाओं में ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। गेमिंग में पैसों का नुकसान होने के बाद बच्चों में आत्महत्या करने जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के संगठन ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार, करीब 45 से 40 लाख गेमर्स गेमिंग प्लेटफॉर्म पर गेम्स खेलने के लिए भुगतान करते हैं। कुल ऑनलाइन गेम्स में से करीब 18 फीसदी 5 से 14 वर्ष आयु वर्ग के होते हैं। इस उद्योग का आकार करीब 2.2 अरब डॉलर का है। जिसके वित्त वर्ष 2026 तक सात अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। असली पैसों से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम का बाजार वर्तमान में सालाना 27 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है, जो इसे 24 अरब डॉलर के मीडिया एवं मनोरंजन बाजार में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट बनाता है।