काबुल. अफगानिस्तान में 20 साल बाद फिर से तालिबान का राज़ हो गया है. तालिबान के आने से अफगानी बेहद खौफज़दा हैं. वो किसी भी तरह देश छोड़कर कहीं और चले जाने की कोशिश में हैं. कई बार तालिबान कह चुका है कि उसके लड़ाके जबरन किसी के घर पर नहीं घुसेंगे, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. मगर हकीकत कुछ और है. तालिबान के लड़ाके जबरन लोगों के घर में घुस रहे हैं और फरमाइशें कर रहे हैं. फरमाइशें पूरी नहीं होने पर सीधे गोली मार दे रहे हैं. 25 साल की एक अफगानी लड़की ने अपनी आपबीती सुनाई है.
अमेरिकी न्यूज चैनल CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, नाज़िया उत्तरी अफगानिस्तान के एक गांव में अपने तीन बेटों और बेटी के साथ रहती थी. बीते हफ्ते तालिबान के लड़ाकों ने उसकी हत्या कर दी. नाज़िया की 25 साल की बेटी मनीज़ा ने बताया कि बीते हफ्ते करीब 15 तालिबानी लड़ाके जबरन उसके घर में घुस आए. मां से खाना बनाने के लिए कहा और मना करने पर गोली मार दी.
मनीज़ा ने CNN को बताया, ‘मेरी मां ने तालिबान के लड़ाकों से विनती की थी. उन्होंने कहा था कि मैं गरीब हूं आप लोगों के लिए इतना खाना कैसे बना सकती हूं.’ CNN को मनीज़ा ने आगे बताया, ‘मां के मुंह से इनता सुनते ही लड़ाकों ने उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी. एके 47 राइफल से कुच-कुचकर मारा. मैंने जब उनको रोकने की कोशिश की तो घर पर ग्रेनेड फेंक दिए गए.’
उसने आगे कहा, ‘मैं भाइयों को लेकर आग की लपटों के बीच से भाग आई. उन लोगों ने मां को पकड़ रखा था. फिर गोली मार दी. मां की मौत हो गई. घर जल गया.’ CNN के मुताबिक, ये वारदात 12 जुलाई को हुई थी. इस घटना के 10 दिन बाद तालिबान के लड़ाकों ने कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया.
दरअसल, अफगान लोगों को चिंता इस बात की है कि तालिबान के हाथ में सत्ता आते ही फिर अफरा-तफरी का माहौल होगा. अमेरिका और उसके समर्थन वाली अफगान सरकार में काम करने वाले लोगों से बदला लिया जाएगा. कई लोगों को डर है कि तालिबान कड़े इस्लामिक कानून लागू करेगा. ऐसे ही कानून उसने 1996 से 2001 के बीच अपने शासन में लागू किए थे. बच्चियों के स्कूल जाने या महिलाओं के बाहर काम करने पर पाबंदी लगा दी थी. ऐसे में अब लोगों को और भी कड़े कानून का डर सता रहा है. खासकर महिलाएं और बच्चियां खुद को महफूज नहीं महसूस कर पा रहीं.