लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार की शाम अचानक चाचा शिवपाल सिंह यादव के आवास पहुंच गए। दोनों के बीच एक घंटे बंद कमरे में बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच प्रदेश के राजनीतिक हालात व संगठन विस्तार पर चर्चा हुई। उम्मीद है कि जल्द ही शिवपाल को पार्टी में महत्वपूर्ण पद मिल सकता है। सपा अध्यक्ष ने बाहर निकलकर मीडिया से कोई बात नहीं की। वे सीधे अपने आवास पहुंच गए। इस मुलाकात के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार अखिलेश इस बार चाचा शिवपाल को किसी भी कीमत पर नाराज नहीं करना चाहते हैं इसलिए वे संगठन विस्तार से पहले उनसे मिलने घर पहुंचे थे।
चर्चा यह भी है कि शिवपाल के बेटे आदित्य को भी पार्टी में कुछ पद मिल सकता है। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जब अखिलेश ने पत्नी डिंपल यादव को उतारा तो उन्होंने नाराज चाचा को सबसे पहले मनाया।
चाचा ने भी आशीर्वाद दिया तो डिंपल जबरदस्त तरीके से जीत दर्ज की। सर्वाधिक वोट चाचा शिवपाल ने अपनी विधानसभा से दिलवाया था। इसी के बाद अखिलेश ने शिवपाल को महत्वपूर्ण पद देने के संकेत दिए थे।
मैनपुरी चुनाव जीतने के बाद शिवपाल ने भी प्रसपा का विलय सपा में कर दिया था। चर्चा यह भी है कि शिवपाल के कुछ करीबी लोगों को भी संगठन में अखिलेश समायोजित करेंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में किसान का हर तरह से शोषण हो रहा है।
अन्नदाता से किए गए सारे वादे खोखले साबित हुए हैं। वोट लेने के लिए किसानों को तमाम लुभावने सपने दिखाकर भाजपा ने उन्हें अपने हाल पर भटकने के लिए छोड़ दिया है।
अखिलेश ने कहा कि किसानों को कर्जमाफी, बिजली में राहत, आय दोगुनी करने का भरोसा सहित मई वादों को भाजपा ने भुला दिया है।
किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलेगा। किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है।
भाजपा राज में किसानों के नलकूप खराब पड़े हैं। कन्नौज में किसान आलू के बाद टमाटर के गिरे भाव से परेशान हैं। ठंड में टमाटर के पौधों को बचाने के लिए बार-बार दवा के छिड़काव से फसल की लागत बढ़ गई है। बाजार में टमाटर की कीमतें किसानों को रुला रही हैं। चंदौली, बलरामपुर आदि जनपदों में बहुत धीमी गति से धान की खरीद हो रही है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार केवल चुनाव की तैयारियों में ही व्यस्त रहती है। उसे जनता की समस्याओं और किसानों से हमदर्दी कभी नहीं रही है।