नई दिल्ली. Google की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट में 12000 कर्मचारियों की छंटनी से लोगों में हड़कंप मच गया. अलग-अलग विभागों में वर्षों तक काम करने वाले कई कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. अब गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि आखिर कंपनी को यह कठोर निर्णय लेने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा? उन्होंने कहा कि कंपनी की ग्रोथ धीमी होने के चलते निर्णायक रूप से छंटनी करने का फैसला लेना पड़ा.

कंपनी की एक आंतरिक बैठक में सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय कंपनी के फाउंडर्स और बोर्ड के साथ बातचीत करके लिया. उन्होंने बताया, “अगर हम स्पष्ट और निर्णायक रूप से जल्दी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो समस्या और

Google ने 20 जनवरी को एक बयान में बताया था कि वह कंपनी से लगभग 12,000 नौकरियों को खत्म कर देगा. हालांकि छंटनी को लेकर अटकलें महीनों से चली आ रही थीं, लेकिन जब यह फैसला लिया गया तो कई कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा, क्योंकि इससे कई विभागों के एम्पलाई़़ प्रभावित हुए, साथ ही कंपनी में वर्षों से काम करते आ रहे कर्मचारियों को भी छंटनी का शिकार होना पड़ा.

वहीं, Google के चीफ पीपुल ऑफिसर फियोना सिस्कोनी ने कहा कि कंपनी में मौजूदा कर्मचारियों की संख्या के चलते अधिकारियों को छंटनी जैसा कठोर फैसला लेना पड़ा. एक अन्य कार्यकारी ने कहा कि कंपनी में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए सर्वेंस पैकेज तैयार किया गया था.

अल्फाबेट के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रूथ पोराट ने बैठक में जोर देकर कहा कि कटौती का उद्देश्य कंपनी को प्रमुख प्राथमिकताओं में निवेश जारी रखने के लिए मुक्त करना था.