नई दिल्ली. देश में एक बड़ी आबादी बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाती है। देश में गरीब और सीमांत इलाकों में रहने वाले एक बड़े तबके को बैंकिंग सेवाओं के साथ जोड़ने के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री जनधन योजना का संचालन कर रही है। वहीं क्या आपको इस बारे में पता है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंक खातों का संचालन करने को लेकर कई नियमों को बना रखा है। रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए इन नियमों के अंतर्गत बैंक में पैसों को जमा और निकाला जाता है। अगर कोई बैंक कस्टमर अपने बैंक अकाउंट में दस साल तक किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन नहीं करता है। इस स्थिति में उसके बैंक खाते में जितने रुपये जमा होते हैं। उसे अनक्लेम्ड राशि मान लिया जाता है। बैंक इस राशि को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर देता है। ऐसे में कई बार लोगों का सवाल रहता है कि क्या बंद पड़े बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से –
आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि अगर कोई बैंक ग्राहक दो साल तक अपने बैंक खाते में किसी प्रकार की लेनदेन नहीं करता है। इस स्थिति में उसके खाते को निष्क्रिय कर दिया जाता है।
यह सेविंग, एफडी, आरडी, करंट किसी भी तरह का अकाउंट हो सकता है। इसके बाद आगे के 8 साल तक कोई खाता निष्क्रिय रहता है। ऐसे में उस खाते में जमा राशि को अनक्लेम्ड राशि मान लिया जाता है।
वहीं क्या आपको इस बारे में पता है कि अगर आपका खाता निष्क्रिय हो चुका है। इस स्थिति में भी आप आसानी से अपने निष्क्रिय पड़े बैंक अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
अधिकतर मामलों में यह देखने को मिलता है कि बैंक अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने के बाद उसके खाते में जमा पैसों को नॉमिनी अपने आईडी प्रूफ को दिखाकर क्लेम करता है। वहीं अगर खाताधारक ने नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा है। इस स्थिति में आप उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को दिखाकर बैंक में जमा पैसों को क्लेम कर सकते हैं।