पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के सियासी कदम को लेकर लगातार चर्चा हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वो भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस के साथ जा सकते हैं. भले ही राहुल गांधी ने अलग विचारधारा की बात कहकर कांग्रेस में उनकी एंट्री की अटकलों पर ब्रेक लगा दिया था, लेकिन अब रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब प्रियंका गांधी वरुण को कांग्रेस में लाने पर काम कर रही हैं. हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से वरुण ने बीजेपी छोड़ने के संकेत नहीं दिए हैं और ना ही कांग्रेस की तरफ से उनके पार्टी जॉइन करने के बारे में कुछ भी कहा गया है.
इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि वरुण गांधी कांग्रेस में आते हैं तो राज्य में पार्टी को फायदा होगा. वरुण जैसे ‘फायरब्रांड नेता’ के आने से यूपी में कांग्रेस के पुनरुद्धार के प्रयासों को फायदा होगा. एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने से यूपी में पार्टी और वरुण दोनों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के पास राष्ट्रीय स्तर पर अन्य जिम्मेदारियां भी हैं और हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है, जो जमीनी स्तर के मुद्दों को लगातार उठाकर भाजपा का मुकाबला कर सके.’
वरुण गांधी अगर कांग्रेस पार्टी जॉइन करते हैं तो इससे उत्तर प्रदेश में पार्टी को एक कद्दावर नेता की कमी पूरी होगी. क्योंकि, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह के भारतीय जनता पार्टी में जाने से पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वरुण गांधी की पहचान एक ‘फायरब्रांड नेता’ के रूप में रही है और वो पीलीभीत के अलावा सुल्तानपुर से भी सांसद रह चुके हैं. वरुण का लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सुल्तानपुर और कुशीनगर समेत कई जिलों में उनका अच्छा प्रभाव है.
बीजेपी सांसद वरुण गांधी कई मौकों पर बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को उठाते हुए अपनी ही पार्टी के सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. वरुण किसानों और युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं. अगर वह कांग्रेस पार्टी जॉइन करते हैं तो उत्तर प्रदेश में पार्टी की लोकप्रियता युवाओं और किसानों के बीच बढ़ेगी. वरुण तेजतर्रार भाषण देने के लिए भी जाने जाते हैं और कांग्रेस में आने पार्टी वरुण का उपयोग स्टार प्रचारक के रूप मे भी कर सकती है.
वरुण गांधी का कद एक राष्ट्रीय नेता की है और उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी उनकी पकड़ काफी अच्छी है, ऐसे में अगर वो कांग्रेस जॉइन करते हैं तो पार्टी के स्थानीय नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि उनके लिए अपने जोन में राजनीतिक फैसला करना आसान नहीं होगा. इसके अलावा पार्टी आलाकामान की भी मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि वरुण के लिए पार्टी में जिम्मेदारी तय करना होगा.