मेरठ. मेरठ में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी के लिए कुछ लोगों ने फर्जीवाड़ा कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर भर्ती प्रक्रिया के फर्जी पत्र जारी कर दिए और आवेदन लेकर कुछ युवकों को साक्षात्कार के लिए भी बुला लिया गया। बाद में भर्ती प्रक्रिया निरस्त होना बताया गया तो युवकों का शक बढ़ा और उन्होंने इस खेल का खुलासा किया।

ऐसे युवक विकास भवन पहुंचे तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। सिविल लाइन थाने में तहरीर दी गई। वहीं, सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने युवाओं को आगाह किया कि वे ऐसे किसी गिरोह से सावधान रहें। फिलहाल कोई भर्ती प्रक्रिया विभाग की ओर से नहीं कराई जा रही है।

पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बीएएमएस पदों पर भर्ती के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए गए। बाद में भर्ती को निरस्त भी दिखा दिया गया। कुछ युवक विकास भवन पहुंचे और इस फर्जीवाड़े के बारे में बताया। इसके बाद जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष बिसारिया की ओर से सिविल लाइन थाने में तहरीर दी गई। इसमें बताया गया कि सोशल मीडिया पर मिशन निदेशक लखनऊ के नाम से फर्जी पत्र जारी किए गए। बीते माह 30 जनवरी को जारी फर्जी पत्र पर अफसरों के हस्ताक्षर भी दिखाए गए। डीएम को निर्देश के साथ पत्र प्रेषित दिखाया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग में की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की बात कही गई।

विकास भवन पहुंचे युवकों ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के नाम पर पत्र जारी करने के बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना था, लेकिन बाद में भर्ती निरस्त करने का दावा किया गया। इसके बाद उन्हें शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। बाद में विकास भवन के कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय को सूचना दी और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से भी शिकायत की गई।

इस बारे में सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद तहरीर दी गई है। फर्जी तरीके से व्हाट्सएप पर बीएएमएस की भर्ती का फर्जी संदेश जारी किया गया है, जबकि ऐसी कोई भर्ती भी नहीं निकाली गई है। ऐसे आरोपी चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ ने युवाओं से अपील की कि वे किसी तरह के झांसे में न आएं।