नई दिल्ली. देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में लिथियम के 5.9 मिलियन टन अनुमानित संसाधनों (G3) की खोज की. इस नॉन फेरस मेटल का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बैटरी बनाने में किया जाता है जो भविष्य में देश के लिए एक बड़ा खजाना साबित होगा. हालांकि भारत में अभी भी हम लिथियम के इस्तेमाल के बारे में अधिक नहीं जानते. यह पांच फैक्ट आपको जानने में मदद करेंगे कि EV वाहनों के लिए वरदान माने जाने वाला लिथियम क्यों और कैसे बेहद महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है…

लिथियम बिग बैंग से निकलने वाली एकमात्र धातु सबसे हल्की धातु है. यह पानी के साथ एक ज्वलनशील प्रतिक्रिया पैदा करती है जिससे ऊर्जा पैदा होती है.

मुख्य रूप से लिथियम को सेरामिक और कांच के उत्पादों, ग्रीस, फार्मास्युटिकल कम्पाउंड, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम उत्पादन में उपयोग किया जाता है. सबसे कम घनत्व वाली धातु होने के कारण प्रति किलोग्राम उच्चतम ऊर्जा भंडारण क्षमता के लिए लिथियम बैटरी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण घटक माना जाता है. लिथियम के कारण किसी भी बैटरी का वजन अप्रत्याशित रूप से कम हो जाता है. उदाहरण के लिए, एक टेस्ला कार 600 किलो लिथियम-आयन बैटरी पर काम कर सकती है. वही, अगर लेड-एसिड बैटरी पर निर्भर है, तो उसे 4000 किलोग्राम की आवश्यकता होगी.

लेड-एसिड के विपरीत, लिथियम-आयन बैटरी को बिना किसी विफलता के लगभग 10% क्षमता तक डिस्चार्ज किया जा सकता है, और हजारों बार रिचार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है. इस खूबी के कारण लिथियम बैटरी किसी भी अन्य बैटरी के मुकाबले अधिक बार उपयोग में ली जा सकती है.

दुनिया का आधे से अधिक लिथियम ऑस्ट्रेलिया से आता है जो क्ले डिपाजिट के रूप में सोइल्ड मिनरल रॉक में पाया जाता है. उपलब्ध कुल लिथियम में से वर्तमान में केवल 18% ही खनन की स्थिति में है. चिली, अर्जेंटीना और बोलिविया को ‘लिथियम ट्रायंगल’ के रूप में जाना जाता है. इस लिथियम ट्रायंगल की बदौलत दुनिया का कुल लिथियम का कम से कम आधा हिस्सा है लैटिन अमेरिका में स्थित है. वहीं दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम जमा सालार डी उयूनी, बोलिविया में है, जहां वर्तमान में सरकारी नियमों के कारण खनन प्रतिबंधित है. हालांकि लिथियम सीमित है, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि महासागरों में 180 बिलियन टन धातु का अत्यधिक पतला रूप मौजूद है.

अमेरिका का राज्य कैलिफ़ोर्निया न केवल सिलिकॉन वैली के लिए जाना जाता है, बल्कि यह एक ‘लिथियम वैली’ भी है. कई स्टार्टअप और ऊर्जा प्रदाता सॉल्टन सागर में लिथियम खनन कर बैटरी निर्माण कर रहे हैं. साल्टन सी क्षेत्र में लिथियम रिजर्व से कुछ वर्षों में 50 मिलियन से अधिक ईवी को ऊर्जा देने की उम्मीद है.