नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13वीं किस्त जल्द जारी किए जाने की उम्मीद है। कयास लगाए जा रहे हैं कि फरवरी खत्म होने से पहले ही पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

चार साल पहले 2019 में पीएम किसान योजना को 24 फरवरी को लॉन्च किया गया था। इसको देखते कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 24 फरवरी को योजना की 13वीं किस्त जारी की जा सकती है। लेकिन इस बारे में फिलहाल निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सरकार ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।\

आपको बता दें कि 12वीं किस्त 17 अक्टूबर, 2022 को जारी की गई थी। इसमें लगभग 80 मिलियन किसानों को 16,000 करोड़ रुपये जारी किए गए थे ।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले सप्ताह बजट सत्र के दौरान संसद में कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 2019 की शुरुआत में 3.16 करोड़ से बढ़कर 2022 के मध्य में 10.45 करोड़ हो गई है।

13वीं किस्त प्राप्त करने के लिए सभी पीएम किसान लाभार्थियों को अपना खाता ईकेवाईसी पूरा करना आवश्यक है। ईकेवाईसी पूरा करने की समय सीमा 10 फरवरी, 2023 थी। ऐसे में जो लोग इसमें चूक गए हैं, उनको पीएम किसान का पैसा मिलने की उम्मीद कम ही है।

पीएम किसान वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं।
भारत के नक्शे पर पीले रंग के टैब “डैशबोर्ड” पर नेविगेट करें। एक नया पेज खुलेगा।
अपने राज्य, जिला, उप-जिला और गांव का चयन करें।
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किस्त जमा हुई है या नहीं, ऐसे करें जांच
पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं।
दाएं कोने पर, ‘लाभार्थी स्थिति’ टैब पर क्लिक करें, एक नया पेज खुलेगा।
आधार संख्या, बैंक खाता संख्या में से किसी एक विकल्प का चयन करें। इसके जरिए आप चेक कर सकते हैं कि आपके खाते में राशि जमा हुई है या नहीं।

पीएम-किसान के तहत, सरकार लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 की आय सहायता प्रदान करती है। इसका भुगतान 2,000 के तीन किस्तों में किया जाता है। आमतौर पर हर चार महीने में एक बार किस्त जारी की जाती है। इसकी शुरुआत 24 फरवरी 2019 को हुई थी, जब पहली किस्त का भुगतान किया गया था। PM KISAN के फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किए जाते हैं।

जिन किसानों के नाम खेती योग्य भूमि है, वे पीएम-किसान योजना के तहत लाभ के पात्र हैं। संस्थागत भूमि धारकों, संवैधानिक पदों पर आसीन किसान परिवारों, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी स्वायत्त निकायों में काम करने वाले लोगों को योजना से बाहर रखा गया है। इसके अलावा 10,000 रुपये प्रति माह से अधिक आय वाले की पेंशनभोगी और वाले डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।