नई दिल्ली. ऑटोमोबाइल मार्केट लगातार इंडिया में ग्रो कर रहा है. लोगों के लिए कार अब लग्जरी से ज्यादा जरूरत बनती जा रही है. ऑटो सेक्टर की इस ग्रोथ के साथ ही इससे जुड़े कई और बिजनेस भी तेजी से बढ़ रहे हैं. इनमें रिटर्न भी अच्छा है और इंवेस्टमेंट भी काफी कम है. ऐसा ही एक बिजनेस है कार एक्सेसरीज का. ये एक ट्रेडिशनल बिजनेस कैटेगरी में आता है. कई बार लोग इसे सीजनल बिजनेस भी मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. कार एक्सेसरीज की डिमांड 365 दिन बनी रहती है. हालांकि इस बिजनेस में आइटनरी ज्यादा होने के चलते हिसाब किताब मेंटेन प्रोफेशनली करना होता है लेकिन इसके मुनाफे को देखते हुए वो मेहनत कुछ भी नहीं है.

कार एक्सेसरीज वैसे तो इन दिनों ऑनलाइन भी काफी मिल रही हैं लेकिन फिर भी 90 प्रतिशत लोग इन्हें देखने और टेस्ट करने के बाद ही अपनी कार में लगवाना पसंद करते हैं. लगभग हर गाड़ी खरीदार कार लेने के बाद दो जगह जरूर जाता है. इसमें से पहली जगह मंदिर होती है तो दूसरी कार एक्सेसरीज की शॉप. आइये जानते हैं इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपका कहां होगा खर्च और क्‍या है मुनाफे का परसेंटेज…

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको 300 से 500 स्‍क्वायर फीट की जगह चाहिए होती है. ये एक शॉप हो तो ज्यादा बेहतर रहता है.

इसके बाद आपको जरूरत पड़ती है माल की. माल आप दो तरीके से ले सकते हैं, पहला तरीका सामान्य है होल सेलर्स के पास से माल खरीदना, लेकिन इसमें आपका मार्जिन कुछ हद तक खत्म हो जाता है.

दूसरा बेहतर तरीका है सीधे मैन्युफैक्चरर से माल खरीदना. लगभग सभी एक्सेसरी मैन्युफैक्चरर्स ऑनलाइन अपने माल को बड़ी क्वांटिटी में बेचते हैं. आप उनसे सीधा संपर्क कर माल मंगवा सकते हैं. इसमें आपका मार्जिन तो अच्छा होगा ही साथ मैन्युफैक्चरर आपको 30 दिन से 60 दिन तका क्रेडिट भी देता है. वहीं एक और बड़ा फायदा ये है कि कुछ बड़े मैन्युफैक्चरर्स माल न बिकने या खराब आने की स्थिति में इसे वापस भी लेते हैं.

इसके बाद आपको करीब 4 से 5 लोगों की जरूरत पड़ती है. इनमें इलेक्ट्रिशियन, डेंटर, फिटर और हेल्पर शामिल होते हैं.

इस बिजनेस की खास बात ये है कि इसके लिए आपको किसी भी तरह के एटवर्टिजमेंट की जरूरत नहीं होती है. ये बिजनेस पूरी तरह से माउथ पब्लिसिटी और आपकी शॉप की लोकेशन पर डिपेंड करता है. इसलिए शॉप हमेशा कार मार्केट के आसपास की ही तलाश करें.

कार एक्सेसरीज का बिजनेस शुरू करने में सबसे बड़ा खर्च आपको दुकान लेने में करना होता है. ये दुकान किसी भी ऑटो मार्केट के पास लेने पर आपको हर महीने एक लाख रुपये तक का किराया देना पड़ सकता है.

दूसरा बड़ा खर्च आपका सैलेरी में होता है. इलेक्ट्रिशन की सैलेरी 25 हजार से 30 हजार के बीच, वहीं डेटर 20 से 25 हजार रुपये, फिर भी करीब इतना ही और हेल्पर 10 से 15 हजार रुपये महीने की सैलेरी लेते हैं.

इसके बाद आपका बाकि का खर्च दुकान में माल को भरने में होता है. निवेश के दौरान करीब 1 लाख रुपये ऐसे रखें जिनको आप उस समय में सैलेरी व अन्य खर्चों में उपयोग ले सकें जब काम कम चले.

]कार एक्सेसरीज का बाजार कुछ हटकर है. यहां पर करीब करीब किसी भी प्रोडक्ट की कोई एमआरपी डिसाइडेड नहीं है. ऐसे में कंपीटीशन को देखते हुए प्रोडक्ट की कीमत वसूली जाती है. एक अनुमान के अनुसार कार एक्सेसरीज के बिजनेस में 35 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक का मार्जिन होता है. ऐसे में यदि आप 5 लाख रुपये लगाकर ये बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको 2 से 3 लाख रुपये तक हर महीने की कमाई हो सकती है. हालांकि ये कमाई मार्केट की स्थिति पर भी निर्भर करती है.