नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक इन दिनों किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन को लेकर बैंकों पर काफी सख्त नजर रखा रहा है. आरबीआई ने कल यानी शुक्रवार को पांच को-ऑपरेटिव बैंकों पर निकासी समेत कई प्रतिबंध लगाए हैं. केंद्रीय बैंक ने यह कदम इन बैंकों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए उठाया है. इसको लेकर आरबीआई ने बयान भी जारी किया है. आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि इन को-ऑपरेटिव बैंकों पर लगाए गए ये प्रतिबंध छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे.

आरबीआई के अनुसार, एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित , औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और शिमशा सहकारा बैंक नियमित , मद्दुर, मांड्या (कर्नाटक) पर प्रतिबंध लगाया गया है. इन बैंकों के ग्राहक बैंकों की मौजूदा नकदी स्थिति के कारण अपने खातों से रुपये की निकासी नहीं कर सकेंगे.

हालांकि उर्वाकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक , उर्वाकोंडा (अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक , अकलुज (महाराष्ट्र) के ग्राहक 5,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.

केद्रीय बैंक के इस कदम के बाद ये पांच को-ऑपरेटिव बैंक बिना आरबीआई को पूर्व सूचना दिए न तो ग्राहकों के लोन दे पाएंगें और न ही कोई निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा ये बैंक फिलहाल कोई नया दायित्व नहीं उठा सकते हैं और अपनी किसी संपत्ति का हस्तांतरण या उसका अन्य कोई उपयोग नहीं कर सकते हैं.

इसको लेकर आरबीआई ने कहा कि पांचों को-ऑपरेटिव बैंकों के पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से पांच लाख रुपये तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त कर सकते हैं.