भारत ही नहीं दुनियाभर में बनने वाली ज्‍यादातर रोमांटिक फिल्‍मों, कहानियों या उपन्‍यासों में दिखाया जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा गहराई से प्रेम करती हैं. यही नहीं, महिलाएं पुरुषों के मुकाबले रिश्‍तों में ज्‍यादा वफादार और समर्पित होती हैं. असल जिंदगी में भी क्‍या ऐसा ही होता है? क्‍या महिलाएं वास्‍तव में पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा प्रेम करती हैं? क्‍या प्‍यार की गहराई को किसी तरह से मापा जा सकता है? क्‍या महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा वफादार साबित होती हैं? क्‍या प्रेम को किसी तरह से परिभाषित किया जा सकता है? ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने के लिए कुछ विशेषज्ञों ने शोध व अध्‍ययन किए.

हाल में किए गए कुछ शोध व अध्‍ययनों ने महिलाओं और पुरुषों के बीच प्रेम को लेकर लंबे समय से चली आ रही ऐसी धारणाओं को चुनौती दी है. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में मानव विकास के प्रोफेसर डॉ. रॉबर्ट जे. स्‍टर्नबर्ग का मानना है कि हर व्‍यक्ति दूसरे से अलग होता है. हालांकि, कुछ व्‍यवहार व आचरण लगभग सभी लोगों में एक जैसे होते हैं. उनका मानना है कि सभी इंसानों में प्रेम संबंधों, रिश्‍तों और अपने बच्‍चों से प्‍यार को लेकर कुछ चीजें समान होती हैं. कुछ मामलों को छोड़कर सभी अपने नजदीकी रिश्‍तों को लेकर काफी समर्पित होते हैं.

डॉ. स्‍टर्नबर्ग कहते हैं कि खुद को दूसरे इंसान के साथ साझा करने में सक्षम होना, जरूरत पड़ने पर भावनात्मक समर्थन देना व हासिल करना सच्‍चे प्‍यार में होता है. इसके अलावा अगर आपको लगता है कि संघर्ष और उथल-पुथल के समय किसी के साथ होने पर भरोसा महसूस करते हैं तो आप उससे भावनात्‍मक तौर पर जुड़े हुए हैं. वहीं, अगर आप खुद से पहले किसी दूसरे को खुश करना चाहता हैं तो निश्चित तौर पर आपको उससे प्रेम है. अमूमन पूरी दुनिया में हमेशा से माताओं को इस महत्‍वपूर्ण व्‍यवहार के लिए पहचाना जाता है. कहा भी जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा बलिदानी होती हैं.

अमेरिका के ख्‍याति प्राप्‍त पादरी व समाज सुधारक हेनरी वार्ड बीचर ने कहा था कि स्‍वर्ग के बाहर आपको सच्‍चा प्रेम करने वाली महिला से बड़ा व अच्‍छा कोई साथी नहीं हो सकता है और सभी प्रेम करने वाली महिलाओं के लिए मां से अच्‍छा कोई साथी नहीं हो सकता है. इस बयान से उन्‍होंने भी मां को ही सबसे ज्‍यादा प्रेम करने वाला इंसान बताया है. वहीं, माताएं ये जानती हैं कि पुरुष भी समान रूप से प्रेम करने वाले हो सकते हैं. महिलाओं को अक्सर अधिक नाजुक और कमजोर माना जाता है, लेकिन इसका कारण है कि पुरुष अक्सर अपनी भावनाओं को छिपाते हैं. वे ज्‍यादातर बार अपनी भावनाओं को दबाकर सामान्‍य दिखने की कोशिश करते रहते हैं.

साइकोलॉजी टुडे के मुताबिक, इसे गलत तरीके से देखा जाता है कि महिलाएं अपने साथियों की तुलना में ज्‍यादा गहराई से प्यार करती हैं. जबकि, वास्‍तव में पुरुष अपने मन और दिल के अंदर अत्यधिक भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरते हैं. दिल टूटने यानी रिश्‍तों में दरार आने पर एक आदमी को भी उतना ही दर्द होता है, जितना एक महिला को होता है. हालांकि, पुरुषों की इस तकलीफ को उनके हावभाव को देखकर बताना मुश्किल होता है, क्योंकि वे दर्द को चुप्पी के नीचे छिपा लेते हैं. डीबेट डॉट ऑर्ग के पोल के मुताबिक, 48 फीसदी लोगों का मानना है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा गहराई से प्रेम करती हैं. वहीं, पोल में शामिल 52 फीसदी लोग इससे सहमत नहीं हैं.

डीबेट डॉट ऑर्ग के मुताबिक, प्रेम को जाहिर करने के अलग-अलग तरीकों के कारण महिलाओं और पुरुषों के प्रेम की गहराई को लेकर गलत अनुमान लगाए जाते हैं. इससे ये पता नहीं चल सकता है कि कौन ज्‍यादा प्रेम करता है. महिलाएं आमतौर पर ज्‍यादा बोलती हैं, जबकि पुरुष खुले तौर पर अपनी भावनाओं को बोलकर नहीं जता पाते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि वे समान रूप से मजबूत या गहरा भावनात्मक लगाव महसूस नहीं करते हैं.

पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक मारिसा हैरिसन सोचती हैं कि जब प्यार की बात आती है तो महिलाएं बहुत अधिक सतर्क होती हैं, जबकि पुरुष तेजी से प्यार में पड़ जाते हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि प्यार में पड़ने के लिए पुरुषों की आवश्यकताएं महिलाओं के मुकाबले काफी सामान्‍य व आसान होती हैं. वहीं, महिलाएं काफी नाप-तोलकर प्रेम में पड़ती हैं. वे किसी के प्रेम में पड़ने से पहले अपने और भविष्‍य की संतानों की रक्षा करने की क्षमता के आधार पर फैसला लेती हैं. पुरुष बहुत सतही मानदंडों पर प्रेम में पड़ने का फैसला करते हैं. आंकड़े यह भी बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुष पहली नजर के प्यार में ज्यादा विश्‍वास करते हैं.

हैरिसन ने 172 कॉलेज छात्रों का सर्वेक्षण कर दूसरा अध्‍ययन भी किया. इसमें छात्रों से पूछा गया कि उन्‍हें आई लव यू कहने में कितना समय लगा? उनके इस सर्वेक्षण में पूछे गए सवालों के जवाब किसी को भी आश्‍चर्य में डाल सकते हैं. अध्‍ययन के मुताबिक, पुरुष छात्र अक्सर कुछ ही हफ्तों के भीतर अपने प्यार का इजहार करते हैं. वहीं, उनके मुकाबले महिलाएं बहुत अधिक सतर्क रहती हैं. वे अपनी भावनाओं को जाहिर करने से पहले कई महीनों तक इंतजार करती हैं. कई महिलाएं अपनी माताओं को याद करती हैं, जो उन्‍हें समझा चुकी होती हैं कि रिश्ते में ‘लव’ शब्द का इस्तेमाल करने वाली पहली व्यक्ति न बनें.