बिजनौर. बिजनौर जिले को विश्वविद्यालय मिल गया है। इससे छात्रों को रुचि के अनुसार नए कोर्स की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही उच्च शिक्षा की नव सृजित पाठ्यक्रमों की दिल्ली, मेरठ आदि शहरों जैसी स्तरीय पढ़ाई उपलब्ध होगी। विश्वविद्यालय खुलने से शिक्षाविद और छात्र नेता खुश हैं।

जिले में करीब 350 डिग्री कॉलेज संचालित हैं। डिग्री कॉलेज रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध है। डिग्री कॉलेजों में केवल परंपरागत कोर्स ही चल रहे हैं। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नए कोर्स नहीं खुलने से विद्यार्थियों को समयानुकूल कोर्सेज की पढ़ाई के लिए दिल्ली, मेरठ आदि बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। लेकिन अनेक मेधावी छात्र आर्थिक व अन्य कारणों से बाहर नहीं जा पाते हैं।

जिले में विश्वविद्यालय खोलने की मांग लंबे अरसे से हो रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बिजनौर दौरे के दौरान शिक्षाविदों ने बिजनौर में विश्वविद्यालय खोलने की मांग प्रमुखता से उठाई थी। शासन ने विवेक कॉलेज बिजनौर को विवेक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देकर मांग को पूरा कर दिया है। विवेक कॉलेज बिजनौर के चेयरमेन अमित गोयल के अनुसार, विश्वविद्यालय बनने के लिए दो साल से प्रयास चल रहा था। सभी शासकीय औपचारिकता पूरी करने के बाद विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है।

विवेक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा होने से जिले ने शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय खुलने से युवाओं, शिक्षाविदों समेत जन सामान्य को फायदा मिलेगा। रुहेलखंड विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन रुटा के अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार ने फैसले को विद्यार्थियों के हित में बताते हुए सराहा है। वर्धमान कॉलेज बिजनौर के पूर्व छात्र नेता नृपेंद्र देशवाल ने बिजनौर में विश्वविद्यालय खोले जाने को छात्र हित का फैसला बताया है।

1- विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार नये कोर्स खुल सकेंगे।
2- स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नये पाठ्यक्रमों के खुलने से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
3- बिजनौर शिक्षा का हब बनेगा।
4- विद्यार्थियों का उच्च स्तरीय कोर्स की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं होगा।
5- कम समय में पढ़ाई की अधिक अवसर मिलेंगे।
6- जिले के विद्यार्थी नये नये व्यवसायिक कोर्स पढ़ेंगे। जिससे जिले में ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
7- विश्वविद्यालय बनने से नये शिक्षकों को नौकरी मिलने के अधिक अवसर उपलब्ध रहेंगे।
8- विश्वविद्यालय बनने से स्थानीय लोगों का व्यवसाय बढ़ेगा। आय बढ़ेगी तो खुशहाली आएगी।
9- जिले के शिक्षाविदों के सुझाव विद्यार्थियों को मिलेंगे।
10- ग्रामीण बालिकाएं आसानी से नये कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगी।

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि चार निजी विश्विद्यालय को आशय पत्र जारी करने की मंजूरी दी गई है। इसमें टीएस मिश्रा विश्विद्यालय लखनऊ भी शामिल है। वरुण अर्जुन विश्विद्यालय शाहजहांपुर, फारुख हुसैन विश्विद्यालय आगरा और विवेक राष्ट्रीय विश्विद्यालय बिजनौर के लिए भी आशय पत्र जारी किया गया है।