नई दिल्ली! मगर हमारे लिए डरावनी बात यह है कि असल में अरेक्निड (आठ पांव वाले जीव) ज़ोर-शोर से प्यार की तलाश में हैं.कीट विज्ञानी, लेखक और स्व-घोषित ‘बगमैन’ रिचर्ड जोंस रेडियो 1 न्यूज़बीट को बताते हैं,”जिन्हें हम घरों में इधर-उधर मंडराते देखते हैं- वे आमतौर पर घरेलू नर मकड़ियां हैं.”

जिन्हें आप अपने सामने कालीन पर दौड़ते हुए देखते हैं, जो आपको अचानक डरा देती हैं, ज़्यादा उम्मीद है वह मिलन के लिए जोड़े की तलाश में निकली नर मकड़ी होगी.”

“वे एक ही जगह अलसाई बैठी मादा के मुकाबले ज़्यादा सक्रिय होते हैं. और इसलिए हम उन्हें साल के इन दिनों में ज़्यादा देखते हैं.”

हाउस स्पाइडर्स या घरेलू मकड़ियां भूमध्यसागर या उत्तरी अफ़्रीका से आने वाली प्रजातियों की वंशज हैं, और इसी वजह से वे हमारे गर्म, सूखे घरों में रहना पसंद करती हैं और बाग़-बग़ीचे में जाले नहीं बनाती हैं.

रिचर्ड बताते हैं, “इन दिनों बग़ीचे की मकड़ियां काफ़ी बड़ी और साफ दिख जाती हैं- लेकिन वे खुले में रहने वाली जीव हैं, और वे हमारे घरों में घुसपैठ नहीं करती हैं.”

वह कहते हैं अगर कोई घरेलू मकड़ी या डैडी लांग लेग स्पाइडर आपकी खिड़की पर रेंगती नज़र आए, तो “बहुत ज्यादा संभावना” है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके किसी पड़ोसी ने अपने घर से इसे खदेड़ दिया है.

मिथकों के बावजूद, हकीकत यह है कि जब हम सो रहे होते हैं तो मकड़ियां जानबूझकर हमारे मुंह पर नहीं रेंगती हैं, वे इंसानों के शरीर पर अंडे नहीं देती हैं और यूके की तो ज़्यादातर मकड़ियां अगर चाहें तो भी आपको काट नहीं सकती हैं.

और अगर मकड़ियां किसी तरह अपना जबड़ा इतना चौड़ा खोल लें, तो भी उनके दांत इतने ताक़तवर नहीं हैं कि उन्हें चमड़े जैसी सख़्त, इंसानी त्वचा में धंसा सकें.”

हालांकि इसके अपवाद भी हैं. आपने शायद फाल्स विडो स्पाइडर के बारे में सुना होगा जो काट सकती हैं और कुछ मामलों में तो स्कूल भी बंद करा सकती हैं.

अगर मकड़ी आपके शरीर के ऊपर से गुज़र रही है- या आपने इसे अपनी हथेली पर रखा है, तो उनसे ख़तरा नहीं है.उन्हें नहीं लगता कि उन पर हमला किया जा रहा है इसलिए वे काटेंगी नहीं.”

वे कम मिलती हैं, लेकिन यह लगभग पक्का है कि हमारे मकानों में- चाहे आप सोफे के नीचे कितना भी झाड़ू मार लें- घरेलू मकड़ियों की भरमार है जो अंधेरे कोनों से बाहर निकल आपके फर्नीचर के नीचे और प्लेट्स पर स्पाइडर-सेक्स शुरू करने के इंतज़ार में हैं.

शायद ज़्यादातर लोगों के लिए इतनी मकड़ियों से निपटना आसान होगा लेकिन तब क्या हो अगर आप किसी पुराने ज़माने के मकान में रहते हैं? तब शायद आपके आसपास रहने वाले आठ-पैर वाले मेहमानों की गिनती हज़ारों में हो.

मेरे जैसे अठारहवीं सदी के घर में रहने वाले- जिसमें ढेरों दरारों और गड्ढों में तमाम चीज़ें समा सकती हैं- के मामले में,अगर यह संख्या हज़ारों में हो तो भी कोई ताज्जुब की बात नहीं.”