नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 वायरस संक्रमण एक फिर से तेजी से फैलने लगा है. इसे लेकर महाराष्ट्र और दिल्ली में हालात चिंता बढ़ाने वाले दिख रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कोरोना वायरस को लेकर अगले 10-12 दिन काफी अहम हैं. इस दौरान कोरोना संक्रमण पीक पर पहुंच सकता है, जिसके बाद इसमें कमी आएगी. कोरोना मामलों में आए इस ताज़ा उछाल के पीछे XBB.1.16 वेरिएंट को वजह बताया जा रहा है, जिसमें एक अलग ही लक्षण दिख रहा है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने कि कोविड-19 के मामले भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है और इसके कम ही बने रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कोरोना केसों में मौजूदा वृद्धि XBB.1.16 की वजह से हो रही है जो कि ओमीक्रोन का एक सबवेरिएंट है. XBB.1.16 की पूर्व मौजूदगी इस साल फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 35.8 प्रतिशत हो गई. आधिकारिक सूत्रों ने कहा, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई सबूत नहीं मिला है.

दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,149 नए मामले सामने आए. स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान संक्रमण दर 23.8 फीसदी रही, यानी जांच कराने वाले हर 100 में 23 से ज्यादा लोग कोविड संक्रमित पाए गए. विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, इन 24 घंटों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के एक मरीज की मौत हो गई. हालांकि, इसमें कहा गया कि मरीज की मौत का प्राथमिक कारण कोविड-19 नहीं था.

दिल्ली में सात महीने से अधिक समय बाद एक दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या 1,000 के पार दर्ज की गई है. दिल्ली में पिछले साल 17 अगस्त को कोविड-19 के 1,417 मामले सामने आए थे.

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड संक्रमण के 1,115 नए मामले दर्ज किए गए. इस दौरान कोरोना संक्रमित 9 मरीजों की मौत हो गई, जो राज्य में इस ताज़ा लहर में सबसे अधिक है.

सरकार की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के अनुसार, राज्य की राजधानी मुंबई में 320 नए मामले और 2 मौतें रिकॉर्ड की गई. यहां पॉजिटिविटी रेट 14.57% दर्ज की गई.

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस नए सबवेरिएंट पर नज़र बनाए रखी है. XBB.1.16 को आर्कटुरस का नाम दिया गया है, जो भारत के अलावा अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में एक नई कोविड लहर की चिंता बढ़ा रही है.

WHO ने मार्च के अंत में XBB.1.16 को ‘मॉनिटरिंग के तहत वेरिएंट’ घोषित करते हुए कहा था कि यह अभी तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है. इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में तेज बुखार और खासी के अलावा एक और लक्षण दिख रहा है. इसके मरीजों में कंजंक्टिवाइटिस की भी शिकायत दिख रही है, जिसे आम बोल-चाल की भाषा में ‘आंख आना’ भी कहा जाता है.

नेब्रास्का मेडिसिन के ट्रूह्लसेन आई इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया है कि संक्रमित लोगों की आंसुओं की जांच में वायरस पाया गया था, जो पहले कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकता था. संस्थान के अनुसार कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों में आंखों में लालिमा और पानी आना, सूजन, दर्द या जलन, खुजली होना और मवाद निकलना शामिल हैं.