यूपी। गैंगस्टर अनिल दुजाना का गुरुवार को एसटीएफ ने अंत कर दिया। कुख्यात अनिल दुजाना ने फरवरी 2019 को सूरजपुर कोर्ट में बागपत की पूजा से सगाई की थी। वह फरवरी 2021 को जमानत पर बाहर आया और पूजा से शादी कर ली। यूपी पुलिस की जांच में आया था कि दुजाना की पत्नी पूजा के पिता लीलू का बागपत में राजकुमार से चालीस बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी गाजियाबाद के कुख्यात बदमाश हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से कर दी थी। पूजा के पिता ने अपनी बेटी के लिए खड़खड़ी से बड़े बदमाश अनिल दुजाना को ढूंढ लिया।

वर्ष 2000 से पूर्व अनिल दुजाना, सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया का कारोबार का कार्य करता था। वह अवैध सरिया कारोबार से हुई कमाई का कुछ हिस्सा सुन्दर भाटी को देता था। उस समय अनिल दुजाना कुख्यात किस्म का अपराधी नही था, इसलिए अपराध जगत में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए इसने सुंदर भाटी के नाम का सहारा लिया और धीरे-धीरे अपराध कारित करके अपने नाम को विख्यात करता रहा।

कुछ समय बादअनिल दुजाना और सुंदर भाटी के बीच अवैध सरिये के कारोबार को लेकर अनबन हो गई और फिर अनिल दुजाना, सुंदर भाटी से अलग हो गया। इसके बाद धीरे-धीरे अनिल दुजाना का झुकाव रणदीप भाटी गैंग की तरफ हो गया। शुरू में अनिल दुजाना शौकिया तौर पर नरेश भाटी गैंग के साथ रहने लगा था और इसी गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर धीरे-धीरे लूटपाट करना और धनाढ्य / व्यापारी वर्ग के लोगों से रंगदारी वसूलने का काम करने लगा था। अपराध में सक्रिय होने पर यह अपने साथियों के साथ सुपारी लेकर हत्या भी करने लगा था।

इसी दौरान 28 मार्च 2004 को सुंदर भाटी ने स्वचालित हथियारों से हमला कर नरेश भाटी की हत्या कर दी थी। इसके बाद नरेश भाटी गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणपाल भाटी ने संभाल ली थी। इसके बाद नरेश भाटी की हत्या के विरोध में नरेश भाटी के छोटे भाई रणपाल भाटी ने सुन्दर भाटी के भतीजे लाला फौजी की हत्या वर्ष 2005 में कर दी थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार द्वारा रणपाल भाटी की गिरफ्तारी पर पचास हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। वर्ष 2006 में थाना सिकन्द्राबाद जनपद बुलन्दशहर की पुलिस द्वारा रणपाल भाटी को एनकाउंटर में मार गिराया गया।

नरेश भाटी एवं रणपाल भाटी के मारे जाने के पश्चात नरेश भाटी गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणदीप भाटी एवं उसके भांजे अमित कसाना द्वारा संभाल ली और फिर नए सिरे से गैंग को संगठित करने का कार्य शुरू कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप इस गैंग में अनिल दुजाना और उर्फ नन्दू उर्फ रावण पुत्र चतर सिंह निवासी ग्राम नंगला नैनसुख थाना दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर शामिल और तभी से ही अनिल दुजाना एवं सुन्दर भाटी गैंग के मध्य गैंगवार चली आ रही है।

फरवरी 2019 में महाराजगंज जेल में रहते हुए ही अनिल दुजाना के साथी योगेश डाबरा व वीरेन्द्र पुत्र गोपीचन्द नागर निवासी चपरगढ़ थाना दनकौर, गौतमबुद्धनगर ने गिटोरा निवासी प्रिया पुत्री लीलू से अनिल दुजाना की शादी करा दी। लीलू निवासी गिटोरा का अपने गांव के राजू पहलवान से संपत्ति का विवाद चल रहा है। राजू पहलवान ने अपनी पुत्री की शादी हरेन्द्र खडखड़ी के साथ कर दी थी, जिसके प्रतिस्पर्धा में बड़े बदमाश होने के कारण लीलू ने अपनी पुत्री की शादी अनिल दुजाना से की। अनिल दुजाना विवादित संपत्ति के विवादों में अधिकतर धन वसूली करता था, जिसमें शहजाद मामा व चन्द्रपाल बम्बाय इसके प्रमुख सहयोगी थे, जो विवादित सम्पत्तियों की पार्टियों को लेकर अनिल दुजाना से संपर्क करते थे।

वर्तमान में शहजाद मामा से धन के बंटवारे को लेकर अनिल दुजाना में नाराजगी थी। इसी प्रकार बादलपुर कस्बे में तहबाजारी की वसूली बिल्लू दुजाना, अनिल दुजाना के लिए करता था, जिसमें उसके द्वारा बेईमानी कर लेने पर भी अनिल दुजाना से अनबन हो गई। करवा सिकन्द्राबाद में एक विवादित सम्पत्ति को लेकर खिज्जू ने अनिल दुजाना को पूरे पैसे नहीं दिए तो खिज्जू से भी अनिल दुजाना की अनबन हो गई।

अनिल दुजाना का काम उसका भाई मैनपाल, मगलू पुत्र रमेश दुजाना, चन्द्रपाल बम्बावड, हरेन्द्र प्रधान, शालू व सुनील निवासी दुजाना, अनिल पुत्र सुभाष दुजाना, कुलदीप पुत्र रूप सिंह मेजर नागर निवासी दुजाना प्रमुख रूप से देख रहे थे और वकील जितेन्द्र नागर भी लेन-देन में व पैरोकारी में अनिल दुजाना का सहयोग करते हैं।

अनिल दुजाना एक शातिर किस्म का अपराधी था जो अपने गैंग के सदस्यों की रंजिश एवं उनके आर्थिक लाभ को ध्यान में रखकर अपना गैंग चलाता था और लगातार गैंग में नए सदस्य जोड़ता रहता था। अन्य गैंग के साथ मिलकर भी वह अपराध करता था। अपने प्रतिद्वंदी एवं आर्थिक लाभ के लिए नृशंस हत्याएं कराता था। इसका मुख्य जुडाव रणदीप भाटी निवासी रिठारी गैंग से था साथ ही मुकीम काला गैंग एवं इसके सदस्यों से भी अनिल दुजाना की घनिष्ठता रही।

शुरुआती तौर पर अपराध में यह रणदीप भाटी गैंग के लिए हत्याएं करता था लेकिन बाद में अपना स्वंय का मजबूत गैंग बना लिया और कई गैंग के साथ भी गठजोड़ कर लिया। अपराधी अनिल दुजाना को मु0अ0स0 267/12 धारा 174 भादवि के अभियोग में अदालत ने चार साल की सजा सुनाई थी। सजा काटने के बाद वह जेल से बाहर हाल ही में आया था। गुरुवार को वह अपने साथियों के साथ स्कार्पियो में सवार होकर मेरठ के जानी क्षेत्र पहुंचा था जहां एसटीएफ ने उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया।