मेरठ. मेरठ में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना के एनकाउंटर के साथ ही मेरठ एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि गैंगस्टर दुजाना के लिए दिल्ली पुलिस का एक इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल भी काम करते थे। जिनके नाम भी सामने आ चुके हैं। हालांकि उनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

दुजाना अपने क्षेत्र के कुछ राजनीतिक लोगों के भी संपर्क में था। आशंका यह भी जताई जा रही है कि उन्होंने दुजाना को शरण दी थी, या फिर उसकी अन्य तरीके से मदद की। उसने हाल में जिन लोगों के यहां पर शरण ली थी, उनके नामों का पर्दाफाश भी हो गया है। फरारी के दौरान अनिल दुजाना को गौतमबुद्धनगर जिले के डाबरा गांव निवासी योगेश, हरेंद्र, अजीत और डेरी स्कैनर निवासी सतीश पहलवान के यहां भी रुका था।

जांच में गैंग के 47 लोगों के नाम सामने आए हैं। ये मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर के रहने वाले हैं। सभी का चिट्ठा तैयार कर लिया है। हालांकि कई सदस्य फिलहाल जेल में भी है। इनके अलावा भी काफी नाम है, जिनकी पहचान की जा रही है। एसटीएफ का टारगेट है कि इस गैंग का खात्मा किया जाए।

जांच में यह भी सामने आया है कि मेरठ के इस्माईल नगर का रहने वाला सारिक चौधरी इस गैंग को हथियार सप्लाई करता था। गैंग को जिस हथियार की जरूरत होती थी वह कुछ दिन पहले ऑर्डर दे देते थे।

इसके बाद सारिक इन हथियारों का बंदोबस्त कर देता था। हालांकि सारिक फिलहाल जेल में बंद है। वहीं दिल्ली के सीलमपुर निवासी साबिर भी अनिल दुजाना को हथियार बेचता था।

एनकाउंटर के समय अनिल दुजाना के पास से तीन पिस्टल बरामद की गई थीं। जांच में पता चला है कि 32 बोर की दो पिस्टल लाइसेंसी हैं, जबकि कुख्यात के पास कोई लाइसेंस नहीं था। ऐसे में यह पता किया जा रहा है कि अनिल दुजाना को लाइसेंसी पिस्टल किसने दी और किस उद्देश्य के लिए दी गई थीं।

जिस व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस था उसकी भी तलाश शुरू कर दी गई है। जानी थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि मौके पर जो स्कार्पियो गाड़ी मिली थी, उसकी भी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है।

दुजाना के गैंग में यूं तो काफी सदस्य हैं, लेकिन मुख्य शूटर कुछ चुनिंदा हैं। इनमें मुजफ्फरनगर के भोपा निवासी मोहित, बागपत के विक्की सुन्हैडा, मेरठ के मोरना निवासी सोनू उर्फ शौकेंद्र, परीक्षितगढ़ के ऐंची गांव निवासी कर्नल गिरी शामिल हैं। मुकीम काला गैंग भी अनिल दुजाना से हाथ मिला चुका है।

अनिल दुजाना गैंग के बारे में काफी अहम जानकारियां मिली हैं, जो कई अन्य गैंग के भी संपर्क में था। इस गैंग में कौन-कौन शामिल हैं इसकी छानबीन की जा रही है। एसटीएफ का उद्देश्य अपराध को खत्म करना है। – ब्रजेश सिंह, एसपी, एसटीएफ मेरठ