जयपुर. मुस्लिम छात्रावास को जमीन आवंटन के मामले ने राजस्थान में तूल पकड़ लिया है. जयपुर में इस जमीन आवंटन के विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने पुणे प्रताप नगर में राजस्थान आवासन मंडल की ओर कूच शुरू कर दिया है. हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय व्यापारी संगठन इस आवंटन का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि 99 फीसदी हिंदू आबादी के बीच मुस्लिम छात्रावास के लिए जमीन आवंटन गलत है. इसे निरस्त किया जाए. गौरतलब है कि इस इलाके में 2008 में भी एक बड़ा विवाद हो चुका है. उस वक्त मामला हज हाउस के लिए जमीन आवंटन का था. बीजेपी नेता और तत्कालीन बीजेपी सरकार में मंत्री घनश्याम तिवारी ने हिंदूवादी संगठनों के साथ एक बड़ा आंदोलन किया था.
गौरतलब है कि इन दिनों राजस्थान में आंदोलनों का दौर चल रहा है. इस विरोध प्रदर्शन से पहले बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस की गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है. इस बार बीजेपी बिजली-पानी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरेगी. बीजेपी पूरे प्रदेश में ये आंदोलन करेगी. इसकी शुरुआत 17 मई सो हो गई. बीजेपी 17,18 और 19 मई तीन दिन तक लगातार प्रदर्शन करेगी. बीजेपी बिजली पर फ्यूल सरचार्ज को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो रही है. बीजेपी का आरोप है कि गहलोत सरकार ने मुफ्त बिजली का वादा कर चार साल में फ्यूल सरचार्ज 6 गुना ज्यादा बढ़ा दिया.
बता दें, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था वह कांग्रेस सरकार ने बढ़ाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया है. 2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रुपये 55 पैसे हुआ करती थीं, वह अब बढ़ाकर 11 रुपये 90 पैसे कर दी गई है.
राजस्थान में विद्युत उत्पादन निगम के 10 थर्मल व हाइडल प्लांट और 3 अन्य पावर प्लांट हैं. उनकी कैपेसिटी 8597.35 मेगावाट बिजली उत्पादन की है. लेकिन गहलोत सरकार की नीतियों के चलते कोयले की कमी और तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर यह उत्पादन घटकर महज 3500 से 4000 मेगावाट पर आ गया है. प्रदेश सरकार के गलत प्रबंधन के चलते प्रदेश में प्रति माह थर्मल पावर प्लांट बंद हो जाते हैं.