नई दिल्ली. दो हजार रुपये का नोट 30 सितंबर तक बदलने के आदेश के बाद शहर के व्यापारियों, उद्यमियों के साथ इन नोटों को तिजोरी में रखने वाले लोग चिंता में पड़ गए। पांच साल से दो हजार रुपये का नोट छापना बंद कर दिया गया था और दो साल से एटीएम में भी इनका प्रयोग नहीं हो रहा है। बैंक खाते के जरिए 20 हजार रुपये तक के दो हजार रुपये के नोट बदलवाए जा सकते हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों, चार्टर्ड एकाउंटेंटों ने लोगों से कहा है कि वह परेशान न हों। यह नोटबंदी नहीं है। दो हजार रुपये के नोट बदलने के फैसले से ज्यादातर लोग अप्रभावित रहेंगे। सबसे बड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के छीपीटोला स्थित चेस्ट में हर दिन दो बंडल से ज्यादा दो हजार रुपये के नोट नहीं पहुंच रहे थे। रोजाना आगरा, अलीगढ़ मंडल के जिलों से स्टेट बैंक में महज 20 गड्डी यानी 40 लाख रुपये के नोट ही पहुंच रहे थे, जबकि 500 रुपये के नोटों की संख्या एक हजार बंडल पर है। पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत बैंकों के चेस्ट और शाखाओं में भी दो हजार रुपये का नोट बेहद कम पहुंच रहा था।
आगरा व्यापार मंडल अध्यक्ष टी एन अग्रवाल ने कहा कि इस आदेश से बाजार में उथल-पुथल आ जाएगी। आदेश आते ही व्यापारियों में चर्चाएं गर्म हो गई हैं। नोटबंदी की परेशानियों को लोग भूले नहीं हैं। सहालग के बीच इस तरह के फैसले लाने की जरूरत नहीं थी। नोट बदलने के आदेश पर रिजर्व बैंक को स्पष्ट गाइडलाइन लानी चाहिए।
व्यापारी नेता रमन लाल गोयल ने कहा कि व्यापारियों का मानना है कि ब्लैक मनी को बढ़ावा न दिया जाए, पर जो किसान, व्यापारी अपनी ईमानदारी की कमाई दो हजार रुपये में रखे हुए हैं, उसके साथ नम्रतापूर्वक बदलने की नीतियां लाई जाएं। सरकारी अधिकारियों के खातों पर निगाह रखी जाए। उनके खातों की इस अवधि में जांच कराई जाए।
सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि 30 सितंबर तक इन नोटों को बैंक में वापस किया जा सकता है। इस वजह से जनता को परेशान होने की जरूरत नहीं है। ये नोटबंदी नहीं है। किसी भी तरह की अफवाह से बचते हुए आप अभी भी इन का प्रयोग 30 सितंबर से पहले बाजार में कर सकते हैं।
चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रार्थना जालान ने बताया कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह कदम उठाया गया है। आम आदमी को इससे परेशानी नहीं होगी। पहले ही दो हजार का नोट बैंकों में कम आ रहा था। काले धन पर रोक लगाने का यह अच्छा प्रयास है।