यूपी। दहेज में 10 हजार रुपये नकद और सोने की चेन न मिलने पर बहू को जिंदा जला कर मारने वाले सास और ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 26- 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। मामला यूपी के सोनभद्र जिले का है। साढ़े 10 साल पहले इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के नरैना गांव निवासी रामविलास ने पन्नूगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसने अपनी बेटी सुनीता की शादी संजय पुत्र शिवकुमार निवासी ग्राम किचार थाना पन्नूगंज के साथ 5 जून 2012 को किया था। शादी में अपनी सामर्थ्य अनुसार खर्च किया था। बेटी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई।
करीब दो माह बाद दामाद संजय कमाने के लिए मुंबई चला गया। बेटी सुनीता ससुराल में ही रही। दहेज में 10 हजार रुपये नकद व सोने की चेन की मांग को लेकर ससुर शिवकुमार, सास फूलमती उर्फ सुकुवरिया समेत पांच लोग बेटी सुनीता को प्रताड़ित करने लगे। जब बेटी से मिलने उसकी ससुराल गया तो दहेज की मांग और प्रताड़ना की बात बताई थी।
पांच दिसंबर 2012 को अपराह्न तीन बजे बेटी सुनीता को मारपीट कर आग लगा कर जला दिया। उसे राबर्ट्सगंज अस्पताल लाया गया, जहां से वाराणसी रेफर कर दिया गया। वहां उपचार के दौरान नौ दिसंबर को उसकी मौत हो गई। इस तहरीर के आधार पर सास, ससुर समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में सिर्फ ससुर शिवकुमार व सास फूलमती उर्फ सुकुवरिया के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी ससुर शिवकुमार व सास फूलमती उर्फ सुकुवरिया को उम्रकैद व 26- 26 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।