नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को भारत बंद का समर्थन कर रही कांग्रेस पार्टी के एक दिग्गज नेता को दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर ‘अपमानित’ होना पड़ा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी भारत बंद का समर्थन करने की कड़ी में सोमवार दोपहर गाजीपुर सीमा पर पहुंचे। इस दौरान वह प्रदर्शन स्थन पर मंच के सामने बैठ गए। कुछ देर बाद वहां पर आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी को उनके विरोध स्थल से जाने के लिए कहा। बता दें कि किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है, जिसे कांग्रेस समर्थन कर रही है।

इस पर प्रतिक्रिया में अनिल चौधरी ने कहा कि वह उनकी स्थिति समझ सकते हैं। यह किसानों का मसला है, कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। अगर किसान हमें यहां से जाने को कहेंगे तो हम वापस चले जाएंगे। हम यहां किसानों के लिए आए हैं, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। गाजीपुर पर मौजूद किसानों ने अनिल चौधरी से कहा कि क्या आप इसे कांग्रेस का आंदोलन बनाना चाहते हैं

गौरतलब है कि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा सोमवार किए जाने वाले भारत बंद का दिल्ली कांग्रेस ने समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर करीब 300 दिनों से दिल्ली की सीमा पर धरना चल रहा है। धरने के दौरान सैकड़ों किसानों की मौत हो गई है, लेकिन मोदी सरकार ने इस मामले पर किसानों के साथ चर्चा करने की भी जहमत नहीं उठाई और न ही उनकी दुर्दशा पर दया की।

अनिल चौधरी ने कहा कि हम किसानों के अधिकारों में विश्वास करते हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे खुद गाजीपुर बार्डर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ प्रदर्शनकारियों के समर्थन में शांतिपूर्ण तरीके से शामिल होंगे। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अपील की कि दिल्ली के अन्य बार्डरों पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें।

वहीं दूसरी ओर अनिल चौधरी ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल को चुनाव वाले राज्यों का दौरा करने तथा मुफ्त बिजली और बेरोजगारी भत्ता देने जैसे झूठे वादों के प्रचार करने से फुर्सत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास इतना भी समय नहीं कि वे राजधानी में बढ़ते अपराधों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इस गंभीर विषय को उठा सकें।