राजस्थान के धौलपुर में 8वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र की कंपार्टमेंट आई थी. पिता ने डांट लगाई तो 14 साल का एक मासूम घर छोड़कर भाग गया था. अपनी गलती पर पछताए पिता ने जिगर के टुकड़े हर जगह तलाशा, लेकिन बेटे का कहीं कुछ पता नहीं चल पाया.
कई साल बीत गए और पिता ने अपने बेटे के मिलने की आशा ही छोड़ दी. अब अचानक 24 साल बाद पुलिस युवक के मामा रमाशंकर के घर पहुंची. उन्हें बताया कि उनका भांजा नित्यकिशोर अवैध शराब के मामले में जेल में बंद है.
पुलिस ने नित्यकिशोर की फोटो दिखाई, तो रमाशंकर ने इसकी जानकारी अपने जीजा कीर्तिराम को दी. यह खबर सुनकर परिवार के लोग उलझन में आ गए. परिजनों को खुशी इस बात की थी कि उनका बेटा जिंदा है और वे उसे दोबारा देख सकेंगे. मगर, दुख इस बात का था कि बेटा जेल में बंद है.
इसके तुरंत बाद पिता कीर्तिराम अपने साले रमाशंकर के साथ दौसा पहुंचे और बेटे नित्यकिशोर की जमानत करवाकर उसे घर वापस ले आए. 24 साल बाद बेटे मिलने पर परिवार के लोगों की आंखें भर आईं. नित्यकिशोर ने बताया कि पेट भरने के लिए उसने लोगों के झूठे बर्तन भी धोए. इस दौरान उसका दिमाग पूरी तरह से खराब हो गया था. जिसकी वजह से अपना घर का रास्ता भूल गया था.
इस दौरान परिजनों की याद भी आई. मगर, रास्ता भूल जाने की वजह से वह घर नहीं पहुंच सका. बता दें कि कीर्तिराम बघेल 24 साल पहले धौलपुर शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे थे. उनके बेटे नित्यकिशोर की आठवीं कक्षा में कंपार्टमेंट आई थी और दूसरी बार के प्रयास में भी कम नंबर आए.
24 जनवरी 1999 को परीक्षा में कम नंबर आने पर पिता कीर्तिराम ने बेटे नित्यकिशोर की पिटाई कर दी और उसे फटकार लगाई थी. पिता की डांट से नाराज नित्यकिशोर घर छोड़कर चला गया. उस समय नित्यकिशोर की उम्र करीब 14 साल थी.
नित्यकिशोर ने बताया कि घर छोड़कर चले जाने के बाद उसने बाल मजदूरी करते हुए कई ढाबे और होटलों पर काम किया. इस दौरान खाना बनाने का कारीगर बन गया. घर छोड़ने के बाद पहले जयपुर गया. तीन साल तक बानसूर के सैनी के पास था और उसने कुछ नहीं दिया. चौमू रोड पर बाबू होटल है. उसके यहां भी काम किया और उसने भी एक रुपया नहीं दिया.
बाद दौसा जिले के सिकंदरा गया. यहां पर 5 महीने रहा और मालिक से जब भी पैसे मांगे उसने दिए और काफी मदद की. मगर, होटल में पुलिस के छापे के दौरान होटल का मालिक अवैध शराब बेचते हुए मिला. मालिक को बचाने के चक्कर में नित्यकिशोर भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
पुलिस नित्यकिशोर को पकड़कर ले गई और जेल बंद कर दिया. इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि वह धौलपुर जिले का रहने वाला है. इसके बाद दौसा पुलिस ने धौलपुर पुलिस से संपर्क किया.
पुलिस ने 24 साल पहले घर से लापता हुए बेटे की जानकारी परिजनों को दी. इसके बाद तो परिवार में खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. जमानत पर आने के बाद नित्यकिशोर गांव में अपने बचपन के दोस्तों से भी मिल रहा है.
नित्यकिशोर के पिता कीर्तिराम सरकारी कर्मचारी थे. साल 2019 में सेवानिवृति होने के बाद उन्होंने अपनी एक बेटी और दो बेटों की शादी की. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के इरादत नगर में रहने लगे थे. अब सबसे बड़े बेटे नित्यकिशोर के मिल जाने के बाद वह उसकी शादी कराना चाहते हैं.
पिता कीर्तिराम बघेल ने बताया कि 25 नवंबर 1999 को डांट से नाराज बेटा हाउसिंग बोर्ड के घर से निकल गया था. उन्होंने बेटे की काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. कई वर्षों तक बेटे की तलाश को लेकर परेशान रहे. उसके बाद थकहार कर घर बैठ गए थे.
28 मई को दौसा पुलिस लुहारी गांव आई और मुझे सूचना दी और फोटो भी भेजा. इसके बाद हम लोग दौसा गए. पुलिस ने शराब के आरोप में बेटे को जेल भेज दिया था. बेटे की जमानत कराने के बाद हम उसे धौलपुर ले आए हैं.