नई दिल्‍ली. अपनी पहली राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़ी डिफेंस करेंगे. इस बारे में व्‍हाइट हाउस ने साफ किया है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए है. यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्‍तों को नई ऊचाइयां दे रही है. इस यात्रा का रूस और चीन से कोई संबंध नहीं है. यह बात वाशिंगटन डीसी में रणनीतिक संचार के NSC कॉर्डिनेटर जॉन किर्बी ने कही थी.

पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान डिफेंस के साथ ही बिजनेस, टेक्‍नोलॉजी और स्‍ट्रैटेजिक डील्‍स होने की उम्‍मीद है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणामों में से एक होने की उम्‍मीद है. इसके लिए अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए थे और उन्‍हें ही इस मेगा डिफेंस डील का अहम किरदार माना जा रहा है. उन्‍होंने अजीत डोभाल के साथ जनवरी 2023 के बाद से ही चर्चा शुरू कर दी थी और उसके बाद कई दौर की चर्चा हो चुकी है. भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा कर पाने में रूस फिलहाल असमर्थ है, क्‍योंकि वह यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है.