प्रो. एन जॉन कैम के एक ट्वीट और उस पर हुए रीट्वीट ने ट्वीटर और राजनीति दोनों ही दुनिया में खलबली मजा रखी है। दरअसल ये विवाद एक ट्वीट और रीट्वीट होने के बाद शुरू हुआ। लंदन यूनीवर्सिटी से जुड़े बताए गए प्रो. एन जॉन कैम के एक ट्वीट को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने रीट्वीट किया। प्रो. जॉन कैम द्वारा अंग्रेजी में हुए इस ट्वीट का हिंदी में सारांश ये है कि “योगी आदित्नाथ को फ्रांस भेजो वह 24 घंटे में दंगा कंट्रोल देंगे।” हालांकि, इस ट्वीट की सत्यता की पुष्टि हम नहीं करते हैं।

इस ट्वीट को योगी आदित्यनाथ ऑफिस के वेरीफाइड एकाउंट से रीट्वीट किया गया। इस रीट्वीट में लिखा गया कि “जब भी विश्व के किसी भी हिस्से में उग्रवाद दंगे भड़काता है। अराजकता फैलती है और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो दुनिया सांत्वना की तलाश करती है। उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून एवं व्यवस्था के परिवर्तनकारी ‘योगी मॉडल’ के लिए तरसती है।

इस रीट्वीट के बाद राजनीतिक दुनिया में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया और एक विवाद की स्थिति बन गई। प्रो. एन जॉन कैम के इस ट्वीटर एकाउंट को फेक बताया गया। ट्वीटर की दुनिया में दोनों पक्षों की तरफ ट्वीट होने लगे। योगी आदित्यनाथ के समर्थकों ने इसे योगी मॉडल की सफलता बताते इसे ट्वीट किया। विरोधियों ने यह लिखना शुरू किया कि सरकार को अपनी तारीफ में इतराने से पहले एक बार ट्वीटर का एकाउंट वेरीफाइड है या नहीं इसको तो चेक करना चाहिए था। ट्वीटर की दुनिया के साथ-साथ इस विषय पर राजनीतिज्ञों ने भी ट्वीट-ट्वीट का खेल खेला।

ट्वीट प्रोफेसर एन. जॉन कैम के नाम से किया है। इनका ट्विटर हैंडल है- @njohncamm. ट्विटर हैंडल पर इनकी लोकेशन जर्मनी बताई गई है। यह अकाउंट ट्विटर वेरिफाइड यानी ब्लू टिक के साथ सक्रिय है। इन्होंने खुद के एक वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट होने का दावा करता है। इस अकाउंट से पहले भी भारत से जुड़े मुद्दों पर कई ट्वीट हो चुके हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स प्रोफेसर की असली पहचान पर संदेह कर कर रहे हैं। ऐसी अटकलें भी लगाई गईं कि यह हैंडल वास्तव में डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का है, जिन्हें धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा था।