वाराणसी। महाराष्ट्र जैसा सियासी उठापठक उत्तर प्रदेश में भी होने जा रहा है। सपा (समाजवादी पार्टी) के कई विधायक और सांसद जल्द पाला बदलने वाले हैं। यह दावा किया है सुभासपा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने। सोमवार को वाराणसी स्थित सुभासपा कार्यालय में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि यूपी सरकार का विस्तार होगा तो सूबे की राजनीति में खेल होगा। यहां भी वही खेल होगा जो महाराष्ट्र में हुआ है।

दावा किया कि सपा के कई विधायक यूपी सरकार में शामिल होना चाहते हैं। वहीं कई लोग लोकसभा टिकट के लिए दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। कहा कि अखिलेश यादव के रवैये से सपा के विधायक और सांसद नाराज हैं। वो अपना भविष्य समाजवादी पार्टी में नहीं देख रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर ने इसका कारण भी बताया।

सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मिलने जा रहे हैं लेकिन वो बसपा प्रमुख मायावती से नहीं मिल रहे। बसपा और मायावती उत्तर प्रदेश में गेमचेंजर हैं।

ओपी राजभर ने आगे कहा कि अगर मायावती तैयार होती हैं तो सुभासपा बसपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। इसके साथ ही राजभर ने दावा किया कांग्रेस भी मायावती के साथ गठबंधन करना चाहती है। 2024 में हमलोग नया तीसरा मोर्चा बनाएंगे।

एक सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा की ताकत घटी है। अब मुसलमान वोट चार खेमे में बंट गया है। भाजपा को भी मुस्लिम वोट मिलने लगा है। अब वो समय खत्म हो गया जब मुस्लिम वोट बैंक सपा के साथ था। अब यह भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस में बंट गया है। जब सत्ता रही समाजवादी पार्टी की मुसलमान को सीएम तो क्या डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया। सपा चार बार सत्ता में आई लेकिन मुस्लिम समाज को उनका हक नहीं मिला। अब समाजवादी पार्टी किस मुंह से मुस्लिम समाज स वोट मांगेगी।
राजभर ने दावा किया कि आजादी के बाद 38 फीसदी मुसलमान सरकारी नौकरी में था। तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा ने इतना विकास किया कि आज की तारीख में एक फीसदी लोग भी सरकारी नौकरी में नहीं हैं। आप जब नौकरी देने औऱ हिस्सेदारी देने में मुस्लिम समाज की उपेक्षा करोगे तो वोट की आस कैसे करोगो। सपा से हर वर्ग नाराज है।