मेरठ जिले में आए दिन जिस तरीके से ताबड़तोड़ लूट की वारदात हो रही हैं, उससे लग रहा है कि अपराधी बेखौफ हैं और पुलिस उनके सामने बेबस नजर आ रही है। बदमाश खुलेआम वारदात कर आसानी से फरार भी हो जाते हैं। इन चुनिंदा घटनाओं पर नजर डालें तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि न सड़क, न बस और न ही दुकान पर कोई सुरक्षित है।

19 मई को मवाना में फलावदा तिराहे के बाद दिनदहाड़े बाइक सवार दो बदमाशों ने इंडिया वन कंपनी के कर्मचारी से 15 लाख रुपये लूट लिए थे। वारदात को उस समय अंजाम दिया गया था जब कंपनी का कर्मचारी एटीएम में कैश डालने के लिए गया था, लेकिन किसी कारणवश कैश नहीं डाल पाने के चलते वापस लौट रहा था। दोनों बदमाश सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हो चुके हैं लेकिन पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही।

18 जून को मेरठ में दिल्ली रोड पर सदर तहसील के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने रोडवेज बस रुकवाई। इसके बाद खुद को पुलिसकर्मी बताकर चेकिंग के नाम पर बस में सवार बड़ौत के सराफा कारोबारी को नीचे उतारा और चेकिंग के दौरान करीब ढाई लाख के जेवरात साफ कर दिए थे। जब तक कारोबारी को पता चला, बदमाश बाइक से फरार हो चुके थे। इस मामले में पुलिस को बदमाशों का कोई सुराग नहीं चला।

शुक्रवार को बेगमपुल के पास सराफा की दुकान गोपाल जी दी हट्टी ज्वैलर्स के यहां दो बदमाशों ने दुकानदार को बंधक बनाकर लाखों की लूट की थी। वारदात दोपहर के समय हुई जब तमाम वरिष्ठ पुलिस अफसर भी बेगमपुल के आसपास ही थे। हालांकि शनिवार को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इस घटना का खुलासा तो कर दिया, लेकिन जिस तरीके से वारदात हुई उससे साफ है कि बदमाशों को पुलिस का खौफ नहीं है।