रायबरेली: देश का वीवीआईपी जिला कहा जाने वाले रायबरेली जिले में प्रदेश का पहला आधुनिक सुविधाओं से लैस इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग ट्रेनिग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) बनकर तैयार हो गया. जो जिले के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोगों को ड्राइविंग सीखने क्षेत्र में एक नई दिशा देने का काम करेगा. आधुनिक सुविधाओं से लैस 12 एकड़ में बना यह इंस्टीट्यूट कुशल और अनुभवी वाहन चालक देगा. जिसके लिए इंस्टीट्यूट में बकायदा सिंगल लेन से लेकर 6 लेन तक की सड़कें बनाई गई हैं.

यहां पर ट्रेनिंग लेने वालों के लिए वाहनों के सेल्फ मेंटीनेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके तैयार हो जाने से अब मोटर ट्रेनिंग के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. आपको बताते चलें कि सांसद सोनिया गांधी के प्रयास से 2014 में जिले के हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के दतौली गांव के पास आईडीटीआर की स्थापना के प्रक्रिया शुरू कराई गई थी. करीब 12 एकड़ जमीन मिलने के बाद शिलान्यास किया गया. करीब 20 करोड़ की लागत से इस भवन का निर्माण वर्ष 2020 में ही हो जाना था लेकिन कोरोना के चलते इसका निर्माण कार्य अधूरा रह गया था.

यह प्रदेश का पहला मोटर ट्रेनिंग और ट्रेफिक रिसर्च इंस्टिट्यूट है जिसे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से भी व्यवसायिक और निजी चालकों की ट्रेनिंग के लिए मंजूरी मिल गई है. अब मोटर ट्रेनिंग के लिए लोगों को निजी संस्थानों में भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि निजी संस्थान लोगों से मोटी रकम भी वसूल करते थे. इसके शुरू होने से अब उन पर भी लगाम लगेगी.

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रदेश का पहला ट्रेफिक रिसर्च इंस्टिट्यूट है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही यहां पर छात्रों को रहने के लिए आवास व कैंटीन की भी व्यवस्था है. इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि यह केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त परियोजना है इसका संचालन पीपीपी मॉडल पर टाटा मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. जिसमें ट्रेनिंग किस समय मनोवैज्ञानिक तरीके से सिमुलेटर के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे यहां पर प्रशिक्षण लेने वाला प्रशिक्षण थी आधुनिक वाहनों को चलाने में एक महारत हासिल कर सकेंगे.