मिर्जापुर| शाहजहांपुर के मिर्जापुर क्षेत्र में गंगा की बाढ़ के चलते चौरा-बांसखेड़ा मार्ग पर शरण लिए ग्राम आजाद नगर के अन्ना मियां की चार साल की पुत्री रुशिमा सड़क किनारे भरे बाढ़ के पानी में डूब गई। परिवार और आसपास के लोगों ने जब तक उसे पानी से बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
आजाद नगर के ग्रामीण परिवार समेत गांव के सामने चौरा-बांसखेड़ा मार्ग पर आश्रय लिए हुए हैं। रविवार दोपहर करीब दो बजे अन्ना मियां की लगभग चार साल की पुत्री रुशिमा खाना खाकर मार्ग के किनारे भरे बाढ़ के पानी में हाथ धोने गई थी। तभी उसका पैर फिसल गया। वह गहरे पानी में डूब गई।
बेटी नहीं लौटने पर मां खुशीमा तिरपाल से बाहर निकलकर देखने गई। रुशिमा उन्हें कहीं दिखाई नहीं दी। संदेह होने पर खुशीमा ने पति अन्ना मियां से बेटी के पानी में डूबने की बात कही। अन्ना ने गांव के अन्य लोगों के साथ पानी में रुशिमा को ढूंढकर बाहर निकाला, तबतक उसकी मौत हो चुकी थी।
जलालाबाद-ढाईघाट स्टेट हाईवे पर गांव धीयरपुरा के निकट तेजी से बह रहे बाढ़ के पानी में ढाईगांव निवासी लालाराम का 12 वर्षीय पुत्र ध्रुव साइकिल सहित पानी में बह गया। आसपास के लोगों ने उसे पानी से बाहर निकालकर सीएचसी जरीनपुर ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रविवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे ढाईगांव निवासी ध्रुव घर से साइकिल लेकर दो हम उम्र बच्चों के साथ गंगा की बाढ़ देखने ढाईघाट की ओर जा रहा था। ढाईघाट स्टेट हाईवे पर ग्राम धीयरपुरा के समीप तेजी से बह रहे बाढ़ के पानी को साइकिल से पार करते समय वह साइकिल सहित बह गया।
हाईवे की डिप पर बाढ़ के पानी मे नहा रहे लोगों ने डिप के नीचे गहरे पानी मे छलांग लगाकर ध्रुव को बचाने का प्रयास किया। तैराकों ने उसे जैसे तैसे बाहर निकाला। थाना प्रभारी विनोद कुमार तोमर ने एम्बुलेंस से ध्रुव को सीएचसी जरीनपुर भेजा। सीएचसी में डॉक्टर ने बालक को मृत घोषित कर दिया।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं मिल पा रही है। गंगा की बाढ़ से पैलानी, कटैला नगला और मस्जिद नगला के 426 परिवार छत, सड़क और श्मशान घाटों पर शरण लिए हुए हैं। गंगा में नरौरा बैराज से शनिवार को एक बार फिर 1.80 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है।
बाढ़ग्रस्त ग्राम इस्लामनगर निवासी समाजसेवी रिजवान अहमद ने बताया कि मस्जिद नगला गांव में लगभग 125, ग्राम पैलानी निवासी सर्वेश, दिनेश, हरिशंकर, रामभजन, रामतीर्थ आदि ने बताया कि गांव के करीब 250 परिवार और ग्राम कटैला नगला निवासी रामशंकर दीक्षित ने बताया कि गांव के 26 परिवार छतों और सड़कों पर आश्रय लिए हुए हैं।