हस्तिनापुर| मेरठ जनपद के हस्तिनापुर में अरविंद (22) की हत्या गांव की विधवा महिला गीता (44) से कोर्ट मैरिज की रंजिश में की गई। महिला के परिवार वाले इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे। दोनों परिवार के लोग गुर्जर समाज से हैं। सात महीने पहले गीता अरविंद के बच्चे की मां बनी तो परिवार के लोगों ने अरविंद के खात्मे की कसम खा ली। इसी रंजिश में महिला के बेटे ने चचेरे भाइयों और परिवार के लोगों के साथ मिलकर रविवार को वारदात को अंजाम दे डाला।
एसएसपी ने बताया कि मृतक अरविंद के भाई सरजीत सिंह ने हत्या के मामले में महिला के बेटे दीपांशु पुत्र महकेश, जेठ संजय, जेठ के बेटे रितिक व प्रिंस, जेठ विनोद के बेटे हिमांशु और गांव के इंदर समेत दो अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस घटना में बेकसूर ई-रिक्शा चालक सुरेंद्र की भी जान चली गई।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि जांच में सामने आया है कि महिला गीता की शादी 2002 में पाली निवासी महकेश के साथ हुई थी। गीता के दो बच्चे हुए। 2020 में महकेश की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद गीता अपनी उम्र से आधे पति के दोस्त गांव के ही अरविंद के साथ घर से चली गई थी।
वहीं, 2021 में गीता और अरविंद कोर्ट मैरिज करने के बाद गांव वापस आ गए। गीता के जेठ और परिवार के लोग इसको लेकर विरोध जता रहे थे। अरविंद गीता के पति महकेश का दोस्त था। ऐसे में परिवार वालों का ये भी आरोप था कि दोनों ने मिलकर शराब में जहर देकर महकेश को मारा होगा। इसको लेकर महकेश के परिवार वाले दोनों से रंजिश रखे हुए थे।
मां की कोर्ट मैरिज से आहत 18 वर्षीय बेटा दीपांशु अपने छोटे भाई के साथ मामा के यहां जाकर रहने लगा था। सात महीने पहले अरविंद से गीता को एक बेटा हो गया। इसके बाद से परिवार के लोग और खफा थे। पूरे गांव में परिवार की इज्जत खराब हो रही थी। इसी रंजिश में रविवार को गीता के बेटे दीपांशु, जेठ संजय, जेठ के बेटे रितिक व प्रिंस, जेठ विनोद का बेटे हिमांशु और गांव के इंदर के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दे डाला।
दोहरे हत्याकांड की पूरी वारदात पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। सीसीटीवी में हत्यारे अरविंद को जमीन पर गिराकर गोली मारते नजर आ रहे हैं। हत्यारे दो बाइकों पर आए थे। सभी ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था। हत्यारों ने ई-रिक्शा के पीछे से ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। एक गोली ई-रिक्शा चालक सुरेंद्र को लगी, उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अरविंद पैर में गोली लगने के बाद ई-रिक्शा से कूदकर गली की तरफ भागने लगा। लेकिन 25-30 मीटर दूर हत्यारों ने उसे दौड़कर पकड़ लिया। जमीन पर गिरने के बाद हत्यारों ने उसकी कनपटी और सिर पर कई गोलियां मारीं। मौत की तस्दीक होने के बाद हत्यारे फरार हो गए।
गया कि मौके पर कोई खोखा नहीं मिला है, उससे माना जा रहा है कि हत्यारोपियों ने तमंचों से फायरिंग की। ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज से पूरे इलाके के लोग सहम गए। खौफ का आलम ये था कि काफी देर तक शव ऐसे ही पड़े रहे। हस्तिनापुर पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
हत्याकांड की सूचना गांव पहुंची तो परिजनों में कोहराम मच गया। सुरेंद्र के परिवार के लोगों का कहना था कि आखिर उसकी क्या खता थी। वह गरीब तो ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था। आखिर उसकी जान क्यों ली। परिजन इसको लेकर सड़क पर जाम लगाकर बैठे रहे। घटनास्थल पर पहुंची ई-रिक्शा चालक की पत्नी अविता ने बिलखते हुए बताया कि परिवार में तीन बच्चे हैं। इनमें 12 वर्षीय राधिका, 10 वर्षीय आंचल और छह वर्षीय सुमित हैं। रोते हुए बोली कि अब उनका गुजारा कैसे होगा। वो यही कहती रही कि पति का क्या कसूर था, जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी। रोते-रोते वह बेसुध हो गई।
सुरेंद्र के परिवार के लोगों ने जाम के दौरान एक टूरिस्ट बस में भी तोड़फोड़ कर दी। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस बल ने आक्रोशित लोगों को संभाला। हंगामे के दौरान कई महिलाएं बेहोश हो गईं, जिन्हें उपचार के लिए एंबुलेंस में ले जाया गया। परिवार के लोगों ने एंबुलेंस में जाने से मना कर दिया फिर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उनको एंबुलेंस में बिठाया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की। पुलिस अधिकारी जैसे-तैसे एंबुलेंस को भीड़ के बीच से निकाल कर ले गए। उसके बाद जाम खुलवाया गया। ढाई घंटे तक जाम लगा रहा।
इस दौरान एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, सीओ सदर देहात देवेश कुमार, सीओ मवाना आशीष शर्मा, एसडीएम अखिलेश यादव, थाना प्रभारी मवाना, बहसुमा और हस्तिनापुर सहित कई थानों की पुलिस मौजूद रही। देर रात एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी नचिकेता झा ने भी हस्तिनापुर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली।
हस्तिनापुर पुलिस की रविवार को दोहरे हत्याकांड में बड़ी लापरवाही सामने आई। घटनास्थल थाने से मात्र 600 मीटर की दूरी पर था। हत्यारे घटना को अंजाम देकर आराम से निकल गए और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। थाना प्रभारी रमेश चंद्र शर्मा के कार्यकाल में ये सातवीं हत्या की वारदात हैं। इसके अलावा तमाम मामले ऐसे हैं जिनका खुलासा नहीं हुआ है। दो माह पूर्व भीमकुंड तिराहे पर बदमाश ट्रैक्टर को लूट कर फरार हो गए थे, कई दिनों के बाद झुनझुनी नहर से ट्रैक्टर तो बरामद कर लिया लेकिन, बदमाश आज तक फरार हैं। दूसरी घटना फाजलपुर गांव की है, यहां किसान के घर में घुसकर बदमाशों ने उस पर हमला किया और पत्नी के कुंडल लूटकर ले गए। गांव बस्तोरा नारंग में 19 जून को घर में सो रहे युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।